जहन एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर तमाम बड़े-बड़े दावे करते हैं। अपने हर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश महिलाओं की योजनाएं बताते नहीं थकते। जहाँ CM अखिलेश ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘वीमेन पॉवर लाइन 1090’ और महिला सम्मान प्रकोष्ठ का गठन किया है। महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस को सौपं दी हैं।
- मगर अखिलेश यादव की यह कोशिशे सब गलत साबित हो रही हैं।
- आज लखनऊ पुलिस ने लखनऊ में मुख्यमंत्री की महिला सशक्तिकरण के दावों की धज्जियाँ उड़ा दी।
- आज लखनऊ में ‘राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ’ की महिलायें प्रदर्शन कर रहीं थी।
- फिर वहाँ पर क्या हुआ ?
- मुख्यमंत्री साहब एक मां ने ही तुमको जन्म दिया।
- उसी मां रूपी महिला पर आप के दरोगा जी लाठियां बरसा रहे हैं।
- गलियां ऐसी दे रहे हैं जिसे आप भी नहीं सुन सकते।
आइये आपको हम उन्ही महिलाओं की जुबानी बताते हैं कि कैसे पुलिस ने दिखाया अपना अमानवीय चहेरा :
- दरोगा दुर्गा दत्त सिंह और ओमकार नाथ ने मेरी दो सहियोगियों के गुप्त अंग पर लाठी मार दी।
- उनके चोट आयी है।
- मुझे ऐसी जगह लात मारी है कि मैं बता नहीं सकती।
- साहब हम लोग कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
- मंगलवार दोपहर जब विधान सभा पर प्रदर्शन के लिए निकले।
- आप की पुलिस ने लक्ष्मण मेला मैदान में लाठीचार्ज कर दिया।
- इसमें चार महिलाएं जान बचाकर गोमती नदी में कूद गईं।
- इनमें कासगंज की राखी,
- मेरठ की सीमा,
- बरेली की अनीता
- और मुजफ्फरनगर की पूजा सिविल में भर्ती हैं उनके गंभीर चोटें आईं हैं।
- जब हम सभी विधानसभा के सामने पहुंचे तो टांडा की नीरजा देवी, सहारनपुर की मिथिलेश, गंगा देवी के सिपाहियों ने गुप्त अंगों पर लात और लाठियां मारी।
- यह आरोप ‘राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ’ का नेतृत्व कर रही मुजफ्फर नगर से आई काजल कठेरिया ने लगाया है।
- काजल का कहना है पुलिस ने सभी से अभद्रता की।
- और सड़क पर बैठे होने के कारण बिना महिला पुलिस के ही पुलिस हाथापाई की और पीटा।
- मौके पर पहुंचे एएसपी शशि शेखर मिश्रा के सामने अपना दर्द बयां किया उन्होंने ।
- और ज्ञापन देकर मांगे पूरी की गुहार लगाई है।
यह हैं संगठन की मांगे :
- राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ के तत्वावधान में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आयी हजारों की संख्या में महिला रसोईया कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया।
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।
- रसोइयों की मांगे हैं आठ सूत्रीय मांगे हैं।
1- कार्यरत रसोइयों की हर वर्ष जो प्रक्रिया की जाती है उसे समाप्त किया जाए।
2- वर्तमान समय में चल रही चयन प्रक्रिया में पिछले सत्र में कार्यरत रसोइयों का ही चयन किया जाए।
3- कार्यरत रसोइयों के बच्चों को संबंधित विद्यालयों में पढ़ने की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
4- एमडीएम योजना को ठेकेदारी करने से रोका जाए।
5- रसोइयों को राजनैतिक द्वेष से ना हटाया जाए।
6- दिन पर दिन बढ़ रही महंगाई को देखते हुए कम से कम 5000 रुपये प्रति माह दिया जाए।
7- मानदेय का भुगतान महीने के प्रथम सप्ताह में उनके निजी खाते में किया जाए।
8- रसोइयों का बीमा कराया जाए।
इन सभी मांगों को लेकर प्रदेश भर से आए हजारों की संख्या में रसोइयों ने प्रदर्शन किया।
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