उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकास प्राधिकरण में योगी सरकार के आने के बाद से स्वच्छ छवि वाले अफसरों की तैनाती की बात कही जाती है, लेकिन उसके बावजूद भी लखनऊ विकास प्राधिकरण से भ्रष्टाचार(LDA corruption) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
कर्मचारियों के पटल बदले में हुआ इस बार खेल(LDA corruption):
- बीते कुछ समय से लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने भ्रष्टाचार के मामलों के लिए विख्यात हो चुका है।
- जिसके तहत योगी सरकार ने प्राधिकरण में साफी छवि वाले अफसरों की तैनाती के निर्देश दिए थे।
- इसके बावजूद विभाग में भ्रष्टाचार का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
- इस बाद कर्मचारियों के पटल बदले में खेल कर दिया है।
- गौरतलब है कि, अफसरों को इसकी कानों-कान खबर भी नहीं हुई।
- यह खेल अधिष्ठान विभाग और भ्रष्ट कर्मचारियों की सांठ-गाँठ से खेला गया है।
51 कर्मचारियों के पटल बदले में हुआ खेल(LDA corruption):
- एलडीए वीसी प्रभु.एन. सिंह ने 3 अगस्त को विभाग के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात 51 कर्मचारियों को
- एक पटल से दूसरी पटल पर नयी तैनाती के निर्देश दिए थे।
- लेकिन वीसी ने जिस लिस्ट को स्वीकृति दी उसमें से एक दर्जन कर्मचारी पहले से उसी पटल का काम देख रहे है।
- हालांकि इसमें से कुछ कर्मचारी कागजों पर वही काम देख रहे हैं,
- लेकिन संबंधित अफसरों ने वीसी को इस बात से वाकिफ नही कराया।
- जिसके चलते एलडीए के इन भ्रष्ट बाबुओं को मलाईदार सीट मिल गई।
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