आश्रयहीन योजना के तहत बनाई गई कॉलोनी बसंतकुंज योजना के मूल आवंटियों को 21 जुलाई शनिवार को उनके भवनों पर कब्जा मिल गया। एलडीए को हाईकोर्ट के आदेश पर यहां अवैध 300 कब्जेदारो पर जिनसे चरणबद्ध तरीके से भवन खाली करवाने हैं। इसी क्रम में आज एलडीए के अधिकारी और कर्मचारियों ने अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया।
निर्माण गिराए जाने के दौरान इन मकानों में रह रहे लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह यहां वर्षों से रह रहे हैं, एलडीए ने बिना कोई नोटिस दिये हम लोगों मकान गिरा दिए। लेकिन एलडीए का तर्क था कि नजूल की जमीन पर बने हुए 17 अवैध मकानों को कोर्ट के आदेश पर एलडीए के अधिकारी तोड़ने पहुंचे हैं। निर्माण तोड़ने के दौरान एसीएम, एडीएम, सीओ, पीएससी सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद था।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जिलाधिकारी एवं एसएसपी लखनऊ को आश्रयहीनों के लिए हरदोई रोड पर बनाई गई बसंतकुंज योजना में अवैध कब्जेदारों के हटाने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया है। आवास तो आवंटित कर दिया गया है परंतु उसे कब्जा नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट ने एलडीए को भी खरी-खरी सुनाई कि जब उसने आवास बनाये हैं तो किस प्रकार लोग उनमें अवैध कब्जा करके रह रहे हैं। सारे हालातों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने कहा कि डीएम व एसएसपी रणनीति बनाकर उस योजना में रह रहे अवैध कब्जेदारों को हटाकर मूल आवंटियों को कब्जा दिलाएं।
करीब एक हजार भवन जो बसंतकुंज कॉलोनी में आश्रयहीनों के लिए बनाए गए थे, उनमें से 300 से अधिक में अवैध कब्जे हैं। एलडीए के नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि 21 जुलाई को बसंतकुंज के कब्जे हटाकर वैध कब्जेदारों को वापस कब्जा देंगे। फिलहाल सभी कब्जेदारों को कहा गया है कि वे खुद ही अपने घर खाली करा दें। वरना एलडीए, पुलिस और प्रशासन की टीम को कब्जा हटाने के लिए उन पर सख्ती करनी पड़ेगी।
बसंतकुंज कल्याण समिति की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रधानमंत्री के 29 जुलाई को राजधानी आगमन पर वे सामूहिक उपवास रखेंगे। आरोप है कि पिछले 11 साल से जिन भवनों में वे काबिज हैं, उनसे उनको निकाला जा रहा है। एलडीए के बाबुओं ने उनको रसीदें दीं। उनसे रुपया जमा करवाया। अब एलडीए कह रहा है कि वे अवैध कब्जेदार हैं। अध्यक्ष रवींद्र कुमार तिवारी ने बताया ये फैसला पूरी तरह से गलत है।