लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रबंध नगर योजना को लेकर एक बार फिर जागा है। आईआईएम के निकट ठप पड़ी योजना पर उचित निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। सचिव की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में एलडीए के कई अधिकारी शामिल हैं।कमेटी के सदस्य राजीव कुमार, अधिशासी अभियंता पीसी पाण्डेय सहित कई अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। इस मौके पर राजीव कुमार ने कहा कि वर्तमान में जो स्थिति है, उसे देखा गया है। इस बाबत रिपोर्ट तैयार होगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
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प्रस्ताव तैयार किया गया था
- कमेटी में सचिव जय शंकर दुबे अध्यक्ष, अपर सचिव अनिल भटनागर, नजूल अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा थे।
- साथ ही तहसीलदार राम शंकर, नवीन कुमार, विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार, अधिशासी अभियंता पीसी पाण्डेय भी शामिल हैं।
- बताया जा रहा है, करीब 1200 एकड़ जमीन अधिग्रहण को लेकर कई वर्ष पूर्व प्रबंध नगर योजना को संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
- बाद में यह भूमि विरोध के चलते 800 एकड़ ही रह गई थी।
- एलडीए ने योजना को गति देने के लिए वहां बांध व पुल समेत विकास से संबंधित कई कार्य करवाए।
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- जिसमें करीब 300 करोड़ रुपए तक खर्च हुए।
- वहीं, एलडीए ने प्रतिकर के लिए शासन को 150 करोड़ रुपए भी दिए पर किसानों ने भूमि अधिग्रहण में रोड़ा अटका दिया।
- नतीजा, स्थिति जस की तस है।
- आरोप यह भी हैं, एलडीए के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से इस योजना को लॉप करने का प्रयास किया गया।
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- कारण, वहां प्राइवेट टाउनशिप विकसित करने वाले बिल्डर्स ने भी किसानों से जमीनें खरीदी हैं।
- साथ ही, उन्होंने ही किसानों को विरोध के लिए खड़ा कर दिया।
- इसके बाद एलडीए ने इस योजना को बंद करने का प्रस्ताव तक तैयार कर दिया था जिसे बोर्ड बैठक में रखे जाने की चर्चा थी।
- लेकिन नये वीसी प्रभु एन. सिंह ने इस पर निर्णय लेने के लिए स्टडी कराने का निर्णय लिया।
- स्टडी कराने के लिए कमेटी गठित की गई।
- सचिव जय शंकर दुबे ने बताया कि अभी इस संबंध में कुछ कह पाना मुश्किल है।
- लेकिन जो भी निर्णय लिया जाएगा उसमें प्राधिकरण का हित देखा जाएगा।
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