प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज आशियाना परिवार द्वारा आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन एवं खिचड़ी भोज कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आशियाना परिवार द्वारा एकता एवं सौहार्द की दृष्टि से आयोजित यह कार्यक्रम अभिनन्दनीय है। श्लोक ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के सार्वजनिक जीवन का चित्रण करता है। उन्होंने कहा कि छोटे मन वाले लोग तेरा और मेरा का विचार करते हैं पर उदार चरित्र वाले पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं।
24 जनवरी को मनेगा स्थापना दिवस
राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सुझाव पर योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 24 जनवरी को ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक राज्य का स्थापना दिवस होता है जैसे 1 मई को मुंबई का स्थापना दिवस तथा 1 अप्रैल को उड़ीसा का स्थापना दिवस होता है।
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भारत सरकार द्वारा 24 जनवरी, 1950 को युनाईटेड प्रोविंस का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया था। इस दृष्टि से 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस होता है। परन्तु उत्तर प्रदेश में स्थापना दिवस से संबंधित कोई सरकारी आयोजन नहीं होता था जबकि मुंबई में उत्तर भारतीयों द्वारा 24 जनवरी को पिछले 30 वर्षों से इसका आयोजन किया जा रहा है।
प्रदेश के स्थापना दिवस पर उपराष्पति होंगे मुख्य अतिथि
नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विशिष्ट स्थान है। यह भगवान राम और कृष्ण की जन्म स्थली है। गंगा और यमुना नदियाँ यहाँ है। यहाँ अनेक धार्मिक एवं शैक्षिक संस्थान हैं। स्थापना दिवस का आयोजन अपने गौरव का प्रतीक होता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 24 जनवरी को प्रथम बार आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस में माननीय उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडु मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा इस अवसर पर अनेक योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा।
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राज्यपाल ने 68वें गणंतत्र दिवस की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि 26 जनवरी 1950 में हमने अपने संविधान को अंगीकार किया था तथा आज हम विश्व में सबसे बडे़ लोकतंत्र की रूप में स्थापित हैं, यह हमारे लिये गर्व की बात है। संसद, विधान सभा, शहरी निकाय एवं ग्राम पंचायतों में जनता द्वारा जनप्रतिनिधि चुनना हमारे लोकतंत्र को विश्व में सबसे विशिष्ट बनाता है। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि अपना योगदान देकर हम अपने गणतंत्र को और मजबूत बनायेंगे।
वाराणसी की पहचान सांस्कृतिक राजधानी की है: रामनाईक
नाईक ने लखनऊ को कला की नगरी बताते हुए कहा कि दिल्ली देश की राजनैतिक राजधानी है, मुंबई को आर्थिक राजधानी कहा जाता है। वाराणसी की पहचान सांस्कृतिक राजधानी की है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के निवासी कला एवं साहित्य प्रेमी है। यहाँ प्रतिदिन अनेक प्रकार के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आयोजन होते हैं। राज्यपाल ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। पेड़ हमें छाया देते हैं तथा वातावरण को भी शुद्ध रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश एवं प्रदेश को स्वच्छ रखने में भी अपना योगदान देना चाहिए।
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कार्यक्रम में लखनऊ की महापौर डॉ संयुक्ता भाटिया, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, स्वामी उमाकांतनन्द सरस्वती, बिशप डॉ जेरॉल्ड जे0 मथाईस, महंत स्वामी वीरेन्द्र नन्दपुरी जी, मौलाना सईदुर्रहमान आजमी नदवी, ब्रह्म कुमारी राधा बहन, डॉ0 गुरूमीत सिंह, कैलाश चन्द्र जैन, देवेन्द्र भन्ते, आयोजन के संयोजक आर डी द्विवेदी तथा के के सिंघानिया सहित बड़ी संख्या में सभी धर्मों के लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर महापौर डॉ संयुक्ता भाटिया, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली सहित समारोह में उपस्थित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में राज्यपाल को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह व पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।