उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर साफ़ तौर पर देखने को मिल रहा है। सिर्फ जनता के लिए शुरू की गयी योजनाओं और अन्य क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने वाले खजांची के हालात भी काफी बदल गए हैं। खजांची का जन्म नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में लगे रहते हुए हुआ था जिसके बाद उसे और उसकी माँ को लखनऊ बुलाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आर्थिक मदद देते हुए उसका नाम खजांची रख दिया था लेकिन सत्ता बदलते ही खजांची के हालात भी बदल गए हैं और अब उन्हें सिर्फ सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव में उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
झोपड़ी में रहता है खजांची का परिवार :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद देश में चारों तरफ अफरा-तफरी मच गयी थी। उस दौरान बैंक से रुपये निकालने के दौरान गर्भवती महिला ने लाइन में लगे रहने के दौरान खजांची को जन्म दिया था। अपने 5 भाई-बहनों में खजांची सबसे छोटा है। खजांची के सिर पर पिता का साया नही है। मां का ससुराल में विवाद होने पर वह अपनी मां कुसुमा व खजांची के साथ मायके अनंतपुर धौकल में झोपड़ी में गुजारा कर रही है। परिवार के पास कमाने का कोई जरिया नहीं बचा है। उनकी स्थिति काफी दयनीय है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]खजांची की माँ बताती हैं कि उनके पास रहने के लिए पक्का घर नहीं है[/penci_blockquote]
अखिलेश यादव से है उम्मीदें :
खजांची की माँ बताती हैं कि उनके पास रहने के लिए पक्का घर तक नहीं है। राशन के लिए राशन कार्ड भी नहीं बन सका है जिससे गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। राज्य सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठी खजांची की मां ने बताया कि खजांची के जन्म से लेकर अभी तक अखिलेश ने मदद की है, अब आगे भी उनसे ही उम्मीदें है। उनके अलावा आज तक कोई उनके परिवार की मदद करने नहीं आया। समाजवादी पार्टी के नेता सर्वेश सिंह नीरू बताते हैं कि हमने इस परिवार की स्थिति के बारे में पार्टी के लखनऊ कार्यालय को सूचना दी है। उम्मीद है कि इस परिवार को जल्द मदद मिलेगी।
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