आज राजधानी लखनऊ स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में राजकीय संस्कृत परिषद के मेधावी छात्रों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि छात्रों का समान करने पहुंचे हैनं. उनके साथ उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान सीएम योगी ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर पिछली सरकारों पर जमकर हमला बोला.
राजकीय संस्कृत परिषद के मेधावी छात्रों को सीएम ने किया सम्मानित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षा के मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह कार्यक्रम में पिछली सरकारों के दौरान शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर बात करते हुए और शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की अपनी प्रतिबध्यता के बारे में बताया.
सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा में दो महीने व रिजल्ट में एक महीने लगते थे। जिससे रिजल्ट में देरी से तमाम बच्चे प्रवेश से वंचित हो जाते थे। हमने नकलविहीन परीक्षा तो कराई और शिक्षकों की कमी भी नहीं होने दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले नकल के ठेके होते थे। प्रतिभा के साथ खिलवाड़ होता था।
शिक्षा विभाग नकल उद्योग बन गया था.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में नकल माफिया हावी था.
पहले प्रतिभा के साथ खिलवाड़ होता था.
प्रदेश में जब शिक्षा विभाग ने ठाना कि मेधावियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए तो नकलविहीन परीक्षा कराके दिखा दिया गया.
हमने नकलविहीन परीक्षा कराकर ये दिखा दिया.
दुनिया भर ने ये देखा कि इतने बड़े बोर्ड में नकलविहीन परीक्षा हुई.
जो लोग शिक्षा पर ध्यान नहीं दे सके, उनसे समाज के लिए क्या उम्मीद करें-CM योगी
2001 से संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन लंबित था.
पिछली सरकारें 17 साल से असमंजस में थी.
जो लोग शिक्षा पर ध्यान नही दे सके, उनसे समाज के लिए क्या उम्मीद की जाए.
हमारी सरकार में इसे प्राथमिकता से लिया गया.