आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएमएवाई (शहरी), अमृत योजना एवं स्मार्ट सिटी मिशन की तीसरी वर्षगांठ पर मौके पर ट्रांसफॉर्मिंग अर्बन लैंडस्केप’ कार्यक्रम में शामिल होने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने शहरी विकास योजना की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. साथ ही आवास योजना कि लाभार्थियों से मुलाक़ात की. 

पीएम मोदी का संबोधन:

उत्तर प्रदेश से मैं सांसद हूं। इसलिए सबसे पहले उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए लोगों का स्वागत करता हूं.

प्रदर्शनी में देशभर में चल रहे प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी गई।

कुछ शहरों को पुरस्कृत भी किया गया। कुछ लाभार्थियों को मकान की चाबियां भेंट की गईं। उनकी आंखों से जो विश्वास झलक रहा था, वह हम सबके लिए प्रेरणा.

प्रदर्शनी में देशभर में चल रहे प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी गई। कुछ शहरों को पुरस्कृत भी किया गया। कुछ लाभार्थियों को मकान की चाबियां भेंट की गईं। उनकी आंखों से जो विश्वास झलक रहा था, वह हम सबके लिए प्रेरणा

देश के गरीब, बेघर भाई-बहनों के जीवन को बदलते हुए देखना, जीवन को संतोष देने वाला एक अनुभव है.

आज उत्तर प्रदेश के शहरों को स्मार्ट बनाने वाली अनेक योजनाओं का शिलान्यास किया गया। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश भर में 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का काम पूरा हो चुका है। 52 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है.

अटल जी ने जो बीड़ा उठाया था, उसे नई बुलंदी देने के लिए हमारी सरकार करोड़ों देशवासियों के साथ मिलकर आगे बढ़ रही है.

लखनऊ में मेट्रो के विस्तार का काम चल रहा है। इस व्यवस्था को सबसे पहले दिल्ली में जमीन पर उतारने का काम अटल जी ने किया था। दिल्ली मेट्रो की सफलता आज पूरे देश में दोहराई जा रही है.

जिन शहरों को पुरस्कृत किया गया है, उनमें से सिर्फ दो के ही मेयर पुरुष हैं। बाकी सब की मेयर हमारी बहनें हैं। हमारी बहनों ने जो काम किया है, उसके लिए उनका अभिनंदन होना चाहिए.

विपक्ष पर किया पलटवार:

मुझ पर एक इल्जाम लगा है कि मैं चौकीदार नहीं, भागीदार हूं। मैं इस इल्जाम को ईनाम मानता हूं। मुझे गर्व है कि मैं भागीदार हूं गरीबों की तकलीफों का, मैं भागीदार हूं उस मां की पीड़ा का जो चूल्हे के धुएं में आंखें खराब करती है.

मैं भागीदार हूं उस किसान के दर्द का जिसकी फसल सूखे या पाले में बर्बाद हो जाती है, मैं भागीदार हूं उस गरीब परिवार की पीड़ा का जो इलाज के लिए जमीन बेचने को मजबूर हो जाता था। मैं भागीदार हूं उस कोशिश का जो गरीबों को छत दे रही है.

मैं भागीदार हूं उस कोशिश का जो युवाओं को रोजगार के अवसर उलब्ध कराए। गरीबी ने मुझे ईमानदारी व हिम्मत दी है। गरीबी की मार को झेला है, देखा है.

इससे पहले मुझपर इल्जाम लगाया था कि मैं चाय वाला हूं। प्रधान सेवक कैसे हो सकता हूं.

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