मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एलएमआरसी) ने गोमती नदी के ऊपर बन रहे 177 मीटर लंबे बैलेंस्ड कैंटिलीवर मेट्रो ब्रिज का काम 80 प्रतिशत से भी अधिक पूरा कर लिया है। गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ में निर्माण कार्य करना बेहद चुनौतीपूर्ण है और इसके बावजूद एलएमआरसी, ‘गोमती’ नदी के ऊपर ख़ास तरह के स्पैन्स तैयार करके इस पुल का निर्माण बेहत तेज़ी के साथ पूरा कर रहा है।
यह निर्माणाधीन पुल गोमती नदी के दोनों किनारों को आपस में जोड़ेगा, जिसकी मदद से लखनऊ के ट्रांस ‘गोमती’ इलाके को सुविधाजनक और तेज़ ट्रांसपोर्ट के लिए उम्दा मेट्रो कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा सकेगी। जल्द ही, हनुमान मंदिर इलाके के रहवासी, लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षक, कॉलविन तालुकदार कॉलेज, पुलिस लाइन और न्यू हैदराबाद कॉलोनी और आस-पास के इलाकों में रहने वाली आबादी मेट्रो ट्रांसपोर्ट का लाभ उठा सकेगी।
इस पुल के निर्माण के दौरान लखनऊ मेट्रो के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि निर्माण कार्य की वजह से गोमती नदी का बहाव किसी भी तरह से बाधित न हो। अतः, लखनऊ मेट्रो ने विशेष प्रकार की कैंटिलीवर निर्माण प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए नदी के दोनों किनारों सिर्फ़ दो पिलर्स की मदद से पूरा पुल खड़ा किया है। नदी के ऊपर से होता हुआ 85 मीटर लंबा स्पैन दोनों सिरों को जोड़ता है। साथ ही, दोनों तरफ़ 46-46 मीटर लंबे स्पैन्स अभी तैयार किए जा रहे हैं और इसके बाद कैंटिलीवर मेट्रो ब्रिज की लंबाई कुल 177 मीटर (46m + 85m+ 46m) तक हो जाएगी।
लखनऊ मेट्रो की पूरी कोशिश है कि नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर यानी चौधरी चरन सिंह एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया के बीच जारी मेट्रो का निर्माण कार्य 2019 की शुरुआत तक पूरा कर लिया जाए ताकि 23 किमी. लंबे नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर को सरकारा द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर आम जनता के लिए शुरू किया जा सके।