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धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का मुस्लिम समुदाय ने किया विरोध

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हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक तरफ जहां मंदिरों से लोग खुद ही लाउडस्पीकर हटाने में जुट गए हैं. वहीँ दूसरी तरफ मस्जिदों में अभी भी लाउडस्पीकर लगे हुए हैं. इस आदेश पर मुस्लिम संगठन के लोगों ने गहरी आपत्ति जताई है. वहीँ जिला प्रशासन ने टीम भी गठित कर दी है, पर अभी कोई भी कार्यवाहिया नहीं हुई है. अगर देखा जाए तो अभी भी हाई कोर्ट की धज्जियाँ उड़ रही है.

महंत की पहल, सभी धर्मों के लोग करें आदेश का पालन

इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने सभी वर्गों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटवाने के लिए सभी जिलों के जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि खुद जाकर लगे हुए मन्दिर, मस्जिदों व गुरुद्वारे में लगे हुए लाउडस्पीकर हटवा लिए जाएं. आपको बता दें कि लाउडस्पीकर से निकलने वाले ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए ये आदेश हाईकोर्ट ने दिया है. फीलखाना स्थित वैभव लक्ष्मी माता मंदिर के महंत अनूप कपूर ने आदेश आने के बाद एक पहल की है. उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है. उनके पास न तो किसी प्रकार का नोटिस आया. उन्होंने बताया कि टीवी के माध्यम से इस आदेश को सुना जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को तकलीफ दिए बिना ही मन्दिर में लगे लाउडस्पीकर व साउंड उतरवा दिए. उन्होंने कहा कि ये बहुत ही अच्छी पहल है इस आदेश का सभी धर्मों के लोग पालन करें.

मुस्लिम समुदाय ने लगाया केंद्र सरकार पर आरोप

जहां आरती भजन कीर्तन अब तक लाउडस्पीकर की ध्वनि से होते थे. वहीं अब भक्त मन्दिर मे ढोलक बजाकर आरती व कीर्तन करेंगे. उधर दूसरी तरफ मुस्लिम संगठन ने इस आदेश के बाद मोदी सरकार पर वार किया है. यतीमखाना प्रेजिडेंट अब्दुल मन्नान ने बताया कि ये मोदी सरकार 2019 का चुनाव देख रही है. क्योंकि ये जानती है 2019 हमारे लिए खतरनाक है. देश की आज़ादी के इतने साल हो गए आज तक ऐसा नही हुआ.

हाई कोर्ट के आदेश पर ऐतराज

अब ज्यूडिशियरी ऐसा कर रही है. इसे भी मोदी सरकार ने टेकओवर कर लिया. सरकार का मकसद है कि मुसलमानों की आवाज़ दबा दी जाए. मोदी सरकार उकसाने का काम कर रही है. देश का मज़ाक बना रखा है. इस बात को सरकार जान चुकी है कि 2019 कितना खतरनाक हो चुका है. इनके लिये ये सब करके हिन्दु मुस्लिम के नाम से बड़ा ध्रुवीकरण हो जाएगा. हाई कोर्ट को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए था.

काज़ी आलम रज़ा नूरी ने इस फैसले पर आपत्ति जताई

वहीं शहर काज़ी आलम रज़ा नूरी ने इस फैसले पर आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण शादियों, पार्टियों व अन्य जगहों से होता है. किसी धार्मिक स्थलों पर लगे होने से नही हम इसका विरोध करते हैं. हम मस्जिदों से लाउडस्पीकर ऐसे नही हटाने देंगे. वहीं डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कोर्ट का फैसला आया है, जिसके बाद हमने टीमें लगा दी हैं. जो धार्मिक स्थलों पर जाकर मजिस्ट्रेट ,पुलिस अधिकारी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम इन जगहों पर जांच कराई जाएगी. जो भी लगे हुए है उन्हें सशर्त अप्लाई करवाकर अनुमति दी जाएगी.

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