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वीसी एसपी सिंह की जिद्द बनी लविवि बवाल का कारण

लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते दिन छात्रों का आक्रोश इस कदर बढ़ गया छात्रों और शिक्षकों के बीच मारपीट शुरू हो गयी. छात्रों को छोटे आईं, छात्रों की गिरफ्तारी हुई लेकिन किसी ने ये जानने का प्रयास किया कि 14 दिन से अपनी मागों को लेकर धरने पर बैठे छात्र आक्रोशित क्यों हो गये. सवाल तो ये भी उठता है कि छात्रों को प्रदर्शन करने, यहाँ तक कि भूख हड़ताल पर बैठने की जरूरत क्यों पड़ी. 

प्रदर्शन तभी किया जाता है जब या तो पीड़ित की सुनी नहीं जाती या मानी नहीं जाती. लखनऊ विश्वविद्यालय में भी यहीं हुआ. एडमिशन की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्रों और शिक्षकों के बीच मारपीट और स्थिति इतनी गम्भीर बनने की वजह रहे लविवि के कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह.

जी हाँ, एसपी सिंह का नाम कौन नहीं जानता. विवादों से इनका पुराना नाता है. नेशनल पीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य रह चुके एसपी सिंह का अड़ियल रवैया ही था कि 14 दिन से धरने पर बैठे छात्रों से बात करना तो दूर उनकी सुध लेना भी इन्होने जरूरी नहीं समझा.

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नेशनल पीजी की जमीन कब्जाने का आरोप:

बता दें कि लविवि के कुलपति एसपी सिंह इससे पहले राजधानी के नेशनल पीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य भी रह चुके हैं. इस दौरान उन पर अपने ही कॉलेज की जमीन पर कब्जा करने का आरोप भी लगा. मोती महल सोसाइटी से कॉलेज की जमीन कब्जा करने का आरोप लगा है.

गोलीकांड भी हो चुका:

इतना ही नहीं उनके नेशनल पीजी कॉलेज में कार्यकाल के दौरान कॉलेज में छात्रों के बीच विवाद का मामला इस कदर बढ़ गया था कि गोली तक चल गयी थी जिसमे एक छात्र बुरी तरह घायल हो गया था. जब एसपी सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल थे तब ये विवादित गोलीकांड हुआ था.

बहरहाल बड़े नेताओं का समर्थन एसपी सिंह के साथ होने की वजह से वो हर विवाद से खुद को निकाल ही लेते हैं.

लविवि का माहौल खराब:

पर इस बार कुलपति एसपी सिंह के हठधर्मी और अड़ियल रवैये की वजह से नया सत्र शुरू होने से पहले ही इतना विवाद हो गया. करीब एक हफ्ते से विवि का माहौल खराब हैं पर एक कुलपति होने से बढ़ कर एसपी सिंह के लिए उनका घमंड अहम् रहा. और इसी का परिणाम था कि कल छात्रों का आक्रोश सब को झेलना पड़ा.

बहरहाल अपनी मांगों को लेकर 14 दिन से शांति पूर्वक धरने पर बैठे छात्रों को कल गिरफ्तार कर लिया गया. धरना खत्म हुआ लेकिन विवाद बढ़ गया. या यूँ कहे और गर्मा गया.

डीजीपी पर बना रहे दबाव:

इन सब के बाद आज कुलपति डीजीपी ओपी सिंह से मिलने कुलपति  एसपी सिंह पहुंचे. जहाँ उन्होंने छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने डीजीपी पर दबाव बनाने के लिए ये भी ऐलान कर दिया कि पुलिस द्वारा न्याय न नहीं मिला सीएम योगी से विश्वविद्यालय प्रशासन का डेलिगेशन मिलेगा.

जिसके बाद विश्वविद्यालय मामले में लखनऊ रेंज के आईजी को जांच के आदेश दिए गये. आनन फानन में सीओ महानगर को लखनऊ से हटा दिया गया। वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया.

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वीसी के कारण कोर्ट में एसएसपी और प्रोक्टर की भी पेशी:

डीजीपी, एसएसपी की कल हाईकोर्ट में पेशी है। लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते दिन शिक्षकों और प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच हुए विवाद के बाद आज राज्यपाल राम नाईक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ विवि के कुलपति एसपी सिंह से पूरे घटना क्रम की रिपोर्ट मांगी हैं. वहीं कुलपति एसपी सिंह ने इस मामले में आरोप लगाया कि इस विवाद में छात्रों के अलावा बाहरी अराजक तत्व शामिल थे.

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