सपा सरकार में आरोपों से घिरे रहने वाले डाॅ केके गुप्ता की किस्मत एक बार फिर जोरों पर हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय डॉ गुप्ता की लगातार शिकायतों के चलते डाॅ केके गुप्ता को उनके पद से हटा दिया गया था। उन्हीं डाॅ गुप्ता को एक बार फिर सरकार बदलने के साथ ही डीजीएमई के पद पर तैनात कर दिया गया है। आरोपों से घिरे डाॅ गुप्ता की तमाम शिकायतें आने पर उन्हें पद से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया था। बावजूद इसके आज वह फिर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के पद पर तैनाती पा चुके हैं। बीजेपी के आने से इनको शायद एक बार फिर अपनी मनमानी का मौका मिल गया है लेकिन जैसा की सीएम का कहना है की वो किसी की मनमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे तो अब देखने वाली बात होगी की डॉ गुप्ता का अब क्या होगा।
कई शिकायत के बाद पद से हटाए गए थे डाॅ गुप्ता
- तमाम आरोपों के बाद भी डाॅ केके गुप्ता को एक बार फिर डीजीएमई पद पर तैनात किया गया है।
- सरकार के बदलते ही उन पर फिर से नजर ए इनायत हो गयी है।
- जिसका फायदा उठाने से शायद डाॅ गुप्ता फिर बाज नहीं आएंगे।
- उन पर बिना बिना टेंडर के करोडों का काम कराने का आरोप लगा था।
- अस्पताल में बिना वित्तीय स्वीकृति न उन्होंने माॅडयूलर ओटी का निर्माण भी करवा दिया था।
- हालांकि उनकी महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के पद पर तैनाती होने से सवाल उठने लगे हैं।
- अन्य चिकित्स इससे खासे नाराज हैं सरकार के इस फैसले से खासे नाराज है।
- वरिष्ठता में नंबर दो होने के बाद भी भाजपा सरकार ने कैसे उन्हें डीजीएमई की कुर्सी पर बैठा दिया।
- इस सवाल का जवाब तो अभी किसी को नहीं मिला है।
- इतना जरुर है कि इससे भाजपा पर सवाल जरुर उठेंगे।
- चर्चा है कि महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के पद पर तैनात डाॅ वीएन त्रिपाठी को हटा कर डाॅ गुप्ता को पद देने से ऐसा लगता है कि डाॅ त्रिपाठी का जुगाड कमजोर पड गया।