उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हाईटेक लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर रोडवेज बसों के संचालन की तैयारियों में जुट गई है. इसी के चलते संचालन की रूपरेखा तय करने की कवायद ज़ोरों पर चल रही है.
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे नान स्टाप चलेंगी बसें-
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे सपा सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है.
- पूरी तरह से हाईटेक इस एक्सप्रेस वे पर ब्रेथइनलाइजर, स्पीड राडार आदि इंस्ट्रूमेंट लगाने के निर्देश दिए गए थे.
- यही नही इस एक्सप्रेस वे पर हर 30 किमी पर UP-100 वाहन , एम्बुलेंस और बेस स्टेशन पर वायरलेस सेट और एक प्रतिनिधि मौजूद रहने की भी बात कही गई.
- इस हाईटेक एक्सप्रेस वे पर अब सत्ता में आई योगी सरकार ने रोडवेज बसों के संचालन की तैयार शुरू कर कर दी है.
- बसों के संचालन के संचालन को लेकर रूपरेखा तय की जा रही है.
- रूपरेखा पूरी तरह से तय होने के बाद इस एक्सप्रेस वे पर रोडवेज की बसों तेज़ी से फर्राटा भर्ती नज़र आएँगी.
- ये रोडवेज बसें एक्सप्रेस वे पर नान स्टॉप चलेंगी.
- सूत्रों की माने तो इन बसों को चलने में अभी एक से दो महीने का समय लग सकता है.
रूट का सर्वे और खामियां दूर करने की प्रक्रिया शुरू-
- लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर बसों के संचालन के लिए शासन के दिए गए निर्देश के बाद इस रूट का सर्वे करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
- राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव नरेंद्र राय ने रूट से संबंधित सभी आरटीओ प्रवर्तन को सर्वे करने को कहा है.
- जिसके बाद ये सर्वे शुरू कर दिया गया है.
- गौरतलब हो कि रूट के शुरुआती सर्वे में कई खामिया उजागर हुई हैं.
- जिनसे कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती हैं.
- आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह ने बताया कि शुरुआती सर्वे में कई खामिया सामने आई हैं.
- उन्होंने बताया कि उन्नाव व हरदोई रोड पर 80 किलोमीटर के बीच 11 रास्ते खुले हैं.
- ऐसे स्थानों पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है.
- उन्होंने कहा की ऐसी जगहों पर दुर्घटने से बचने के लिए नोटिस बोर्ड लगाए जाने की आवश्यकता है.
- सिंह ने ये भी बताया की सड़क के बीच में लाइट का काम भी अधुरा है.
- जिसे पूरा करने की आवश्यकता है.
- बता दें कि एक्सप्रेस वे पर जहाँ नान स्टॉप बसें चलने से यात्रियों का समय बचेगा.
- वहीँ इस रूट पर टोल प्लाजा न होने से यात्रियों का सफ़र भी सस्ता रहेगा.
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