यूपी के अस्पतालों में खून के काले कारोबार का खेल ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दलालों का जाल निरंतर बढ़ता जा रहा है. ऐसे मामलों का पता होने के बाद भी न तो अस्पताल प्रशासन और न कि पुलिस ही ऐसे लोगों के खिलाफ कोई सख्त कदम उठा रही है. यही वजह है कि खून ?(lucknow blood banks) के दलालों का कारोबार निरंतर बढ़ता जा रहा है. लेकिन अब देर से ही सही लेकिन प्रशासन की नींद खुली है और राजधानी में इस काले कारोबार के खिलाफ कड़े कदम उठाने जा रहा है.
लाइसेंस किये गए रद्द:
- ब्लड में गड़बड़ी मिलने पर FSDA ने लाइसेंसों को निलंबित किया है.
- इसमें ओपी चौधरी, शेखर हॉस्पिटल का ब्लड बैंक शामिल है.
- ओपी चौधरी का लाइसेंस दो महीने के लिए निलंबित किया गया है.
- शेखर अस्पताल का लाइसेंस एक महीने के लिए निलंबित किया गया है.
- घर में ब्लड बैंक चला रहे आरिफ से मिलीभगत का आरोप भी इनपर है.
- पीजीआई में खून में संक्रमण पाया गया था.
- जिससे घातक बैक्टीरिया मिलने की पुष्टि हुई थी.
- डा. ओपी चौधरी व शेखर अस्पताल से आरिफ के तार जुड़े हुए हैं.
ब्लड बैंको पर कार्यवाई
- यूपी के ब्लड बैंकों में खून की कमी का फ़ायदा खून का काला कारोबार चलाने वाले उठा रहे हैं.
- यूपी में रक्त के संकट के कारण ही जरुरतमंदों को वक़्त पर रक्त नहीं मिल पा रहा है.
- एफएसडीए की ड्रग इकाई मानक तय न करने वाले ब्लड बैंको पर कार्यवाई हुई है.
- पिछले महीने हुई जांच मे मानक में अधूरे मिले थे.
- जिसके सुधार के लिये विभाग ने नोटिस भेजा था.
- ब्लड बैंक संचालकों ने तय समय पर फिटनेस रिपोर्ट नहीं भेजी.
- विभाग ने दी बार बार चेतावनी दी लेकिन कोई फिटनेस रिपोर्ट भेजी गई.
- इनके लाईंसेस रद्द करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.