उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनज़र सरकारी तंत्र चुनाव को निष्पक्ष और साफ-सुथरा बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। चुनाव आयोग एक ओर इसे निष्पक्ष बनाने में जुटा है। वहीं अन्य सरकारी तंत्र इसे साफ-सुथरा बनाने में लगे हुए हैं। इसी के तहत ‘मतदान केंद्रों’ को ‘धूम्रपान’ बनाने का भी फैसला लिया गया है।
धूम्रपान मुक्त होंगे सभी मतदान केंद्र
- राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ‘मतदान केंद्रों’ को ‘धूम्रपान’ बनाने की पहल की गई है।
- इसी क्रम में लखनऊ के सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों को धूम्रपान मुक्त बनाने के संकल्प लिया गया है।
- राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यहां सभी मतदान केन्द्रों को धूम्रपान मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
- साथ ही मतदान केंद्रों पर सिगरेट, बीड़ी और तम्बाकू आदि के सेवन पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है।
जानें कार्यक्रम के बारे में
- भारत सरकार ने मई 2003 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कानून पारित किया गया था।
- इस प्रोग्राम को “सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम” नाम दिया गया।
- भारत ने फ़रवरी 2004 में तंबाकू नियंत्रण हेतु डब्ल्यूएचओ-फ्रेमवर्क के समझौते की पुष्टि की।
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) का साल 2007-08 में शुभारंभ किया।
- जिसका काम तंबाकू सेवन पर नियंत्रण से जुड़ा है।
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