फर्जीवाड़ा कर पत्नी के नाम करोड़ों का प्लाट आवंटित कराने के आरोपी लखनऊ विकास प्राधिकरण के निलंबित बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा को उपाध्यक्ष ने पुलिस को सौंप दिया। उन्होंने ओझा व लिपिक सुरेंद्र मोहन को कार्यालय बुलाया और उनसे प्रियदर्शनी योजना सहित कई भूखंड की फाइल गायब होने की जानकारी ली। उक्त फाइलें ओझा के पास है, यह बात सुरेन्द्र ने कही। वीसी ने ओझा से फाइलें मांगी जबकि ओझा ने फाइलें होने से इनकार किया। इसके बाद वीसी प्रभु एन. सिंह ने कार्यालय में मौजूद पुलिस को बुलाकर ओझा को सौंप दिया। बाद में उसे थाने भेज दिया गया।
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पत्नी के नाम था करोड़ों का प्लाट
- मुक्तेश्वरनाथ ओझा लखनऊ विकास प्राधिकरण में बड़े नटवरलाल के नाम से जाना जाता है।
- इससे पहले भी फर्जीवाड़ों से उसका खासा नाता रहा है।
- एलडीए में बाबू मुक्तेश्वर ओझा ने पत्नी रेनू के नाम पर पहले फर्जी तरीके से प्रियदर्शिनी कॉलोनी के सेक्टर डी में भूखंड आवंटित कराया।
- यह भूखंड 4300 वर्ग फिट है। उसने प्लॉट के लिए बैंक में 35 हजार रुपए पंजीकरण धनराशि जमा दिखायी।
- जब एलडीए ने बैंक से जांच करायी तब बैंक ने जानकारी दी कि रकम जमा ही नहीं है।
- यही नहीं, बाबू ने इस प्लॉट को फर्जी तरीके से गोमतीनगर के विराट खंड में भूखंड सं या 2/281 में से 2/271 को काटकर उसे पत्नी के नाम पर समायोजित कर लिया।
- गोमतीनगर में प्लॉट के समायोजन के लिए पांच जनवरी 2015 के तत्कालीन ओएसडी के पत्र का हवाला दिया गया।
- जबकि उस समय ओएसडी गोमतीनगर का काम ही नहीं देखते थे।
- दिलचस्प यह कि पत्र पांच जनवरी 2015 को जारी दिखाया गया।
- जबकि उस दिन गुरु गोविंद सिंह जयंती का अवकाश था।
- मुक्तेश्वर पर गोमती नगर, बसंतकुंज, प्रियदर्शिनी आदि योजनाओं में फर्जीवाड़ा के आरोप लगे।
- लिहाजा वह निलंबित चल रहा है। इसके चलते बड़ी संख्या में फाइलें गायब हैं।
- जब एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह ने संबंधित फाइलें को लेने के लिए मुक्तेश्वर ओझा व सुरेन्द्र मोहन को बुलाया।
- दोनों से उन्होंने पूछताछ की जिसमें यह पता चला कि फाइलें ओझा के पास मौजूद है।
- जब फाइल ओझा ने नहीं दी तो वीसी ने कार्यालय में ही पुलिस बुलवा ली और मुक्तेश्वर नाथ ओझा को सौंप दिया।
- ओझा का कहना था कि फाइलें सुरेंद्र के पास है मुझे फंसाया जा रहा है।
- देर शाम तक पता चला कि ओझा को थाने में बैठाये रखा गया है।
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अपहरण का किया था शोर
- बीते दिनों ओझा ने मुन्ना बजरंगी और उनके गुर्गों पर अपहरण का आरोप भी लगाया था।
- उसके मुताबिक, दोपहर में एलडीए परिसर से एक दर्जन लोगों ने उसका अपहरण करने का प्रयास किया।
- उस दौरान बाबू ने भी अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर हवा में लहराई थी।
- ओझा का कहना था कि उस पर 15 लाख के प्लॉट आवंटन का दवाब बनाया जा रहा था।
- सूत्रों की माने तो बाबू ओझा की राजनैतिक पकड़ भी है।
- उसने विधायकी का चुनाव लडऩे के लिए बलिया जिले से टिकट की भी मांग की थी।
- मामले में एलडीए उपाध्यक्ष का कहना है कि पूरा मामला फाइलें गायब होने से जुड़ा है।
- अगर बाबू फाइलें दे देता है तो प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी जाएगी लेकिन न देने पर कार्रवाई करेंगे।
- क्योंकि किसी एक व्यक्ति के कारण सैकड़ों आवंटियों को परेशान नहीं किया जा सकता।
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