अवैध कब्जे खाली कराने पर हमारा पूरा जोर है लेकिन जहां अधिक आबादी है वहां एकदम से कार्रवाई कर हालात बिगाड़े नहीं जा सकते, वह भी तब जब उक्त अधिक अन्य जमीनों के सापेक्ष कम मूल्यवान हो। ऐसे में हमारी रणनीति है कि ऐसी जमीनों को पहले खाली कराना जो आसानी से मिल सकें और मूल्यवान भी हों। इसमें सबसे मुफीद जमीनें हमारे जोन दो यानि कानपुर रोड की जमीनें हैं। इन पर कब्जे पाना हमारी प्राथमिकता है। वहीं, अन्य पर भी कार्रवाई होगी।
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अवैध कब्जों को लेकर बनी नयी रणनीति
- लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रभु नारायण सिंह इस समय अवैध आशियानों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
- इसके लिए वे लगातार नयी रणनीति बनाकर कार्यवाही करने में जुटे हुए हैं।
- उन्होंने कहा कि कानपुर रोड पर एलडीए की जमीनों पर अवैध आशियाने बन चुके हैं।
- इस पर कब्जे पाने का प्रयास हो रहा है। वजह, यहां की जमीन करोड़ों में है।
- इसके तहत अधिकारियों से मिलकर रणनीति तैयार की जा रही है।
- जल्द प्रवर्तन संबंधी कार्रवाई भी शुरू होगी।
दरअसल, वीसी के निर्देश के बाद एलडीए के अधिकारी जमीन को तलाशने में जुट गए हैं। - ऐसी जमीनें तलाशी जा रही हैं, जिनका हक एलडीए के पास है लेकिन अब उन जमीनों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं।
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- अभी तक हजरतगंज समेत कई इलाकों में एलडीए की ऐसी जमीनें सामने आई हैं।
- जहां पर अवैध कब्जे वर्तमान में काबिज हैं।
- एलडीए की ओर से अपने छह जोन में खोई हुई जमीनों को तलाशने का काम किया जा रहा है।
- अभी तक हुए सर्वे और जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि जोन दो (कानपुर रोड) पर सबसे ज्यादा कब्जे हैं।
- हैरानी की बात तो यह है कि इस जोन की एलडीए की जमीनों पर सबसे ज्यादा आवास बने हुए हैं।
- इसकी वजह से अब इन्हें खाली कराना एलडीए के लिए चुनौती बन चुकी है।
- वहीं, उक्त जमीन का मूल्य भी अन्य के अपेक्षा अधिक है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह का कहना है जोनवार जमीनों को खाली कराने का प्रयास कर रहे हैं।
- यह बात सही है कि जोन दो में अवैध कब्जों की सं या ज्यादा है।
- चूंकि यहां पर स्थित महकमे की जमीनों पर आवास बने हुए हैं।
- इसलिए इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि किसी को कोई समस्या न हो।
- हम इस दिशा में रणनीति बना रहे हैं।
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