लखनऊ विकास प्राधिकरण में भले ही अधिकारी बदल जाएं लेकिन यहां गड़बड़ी करने में खिलाड़ी लोगों की हरकतें थमी नहीं हैं। ऐसा ही एक मामला खुद उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह ने पकड़ा। इसके बाद अब उन्होंने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही है।
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अंसल एपीआई का मामला
- दरअसल, मास्टर प्लान 2031 को दरकिनार कर एक टॉउनशिप का नक्शा पास करने की तैयारी की जा रही थी।
- यह मामला अंसल एपीआई से जुड़ा हुआ है।
- जैसे ही नक्शा टेक्निकल कमेटी के सामने आया, एलडीए वीसी ने खुद गड़बड़ी पकड़ ली।
- उसके बाद संबंधित अधिकारियों से सवाल जवाब किए।
- वीसी ने निर्देश दिए कि नए मास्टर प्लान के अनुसार फिर से डीपीआर मंगवाया जाए।
- उसकी नए सिरे से जांच पड़ताल की जाएगी फिर अगले कदम उठाए जाएंगे।
- एलडीए अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, सुल्तानपुर रोड पर टॉउनशिप विकसित करने वाले अंसल एपीआई की ग्रुप हाउसिंग का नक्शा पास होने के लिए तीन दिन पहले तकनीकी कमेटी के सामने रखा गया था।
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- इस टॉउनशिप का डीपीआर कई वर्ष पहले पास हुआ था।
- जो डीपीआर पास हुआ था, वह 2021 के मास्टर प्लान के अनुसार था।
- इस डीपीआर में रिंग रोड वगैरह भी शामिल थी।
- इस बीच वर्ष 2016 में तत्कालीन एलडीए उपाध्यक्ष सतेन्द्र सिंह ने मास्टर प्लान 2021 में कुछ संशोधन करा दिया।
- उन्होंने विस्तारित क्षेत्र के मास्टर प्लान को 2021 के मास्टर प्लान में जोडक़र 2031 के लिए नया मास्टर प्लान बनवा दिया।
- दिसंबर 2016 में शासन ने मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी भी दे दी।
- इस तरह अंसल एपीआई के पुराने डीपीआर में भी बदलाव हो गया।
- मास्टर प्लान बदलने से टाउनशिप के डीपीआर में भी एलडीए को बदलावा कराना था .
- लेकिन एलडीए के इंजीनियरों ने कोई कदम नहीं उठाया।
- पुराने मास्टर प्लान के अनुसार तैयार नक्शे को पास करने का प्रस्ताव तीन दिन पहले तकनीकी समिति में भेज दिया गया।
- हालांकि एलडीए वीसी ने यहां पर गड़बड़ी पकड़ ली।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
- एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह ने बताया कि तकनीकी कमेटी के सामने मामला आया था।
- चूंकि पहले जो डीपीआर तैयार किया गया था। वह 2021 के मास्टर प्लान के अनुसार था।
- इसमें रिंग रोड भी शामिल थी। अब नक्शा नए मास्टर प्लान 2031 के अनुसार होना चाहिए था।
- नए मास्टर प्लान के अनुसार रिंग रोड का एलाइनमेंट भी बदलेगा।
- इसे ध्यान में रखते हुए नया डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है।
- दोषी अधिकारियों से भी सवाल जवाब किए गए हैं और उन पर कार्रवाई की जाएगी।