उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र ‘Kukrail Forest Reserve’ विश्व भर में घड़ियालों के पुनर्वास ‘Rehabilitation of Alligator’ के लिए सुप्रसिद्ध है. लेकिन इटावा की लायन सफारी की तर्ज पर कुकरैल वन क्षेत्र को वन्यजीवों की सफारी ‘Safari for Wild Animals’और टाइगर सफारी बनाने की कवायद तेज़ हो गई है. इसके लिए करीब 400 करोड़ रूपए खर्च किये जाने का अनुमान है.
इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा-
- लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में अब वन्यजीवों की सफारी बनाने की तैयारी चल रही है.
- ये सफारी इटावा की लायन सफारी की तर्ज पर बनाई जाएगी.
- इस सफारी में जहाँ टाइगर और तेंदुओं को जगह मिलेगी.
- वहीँ कर प्रकार के हिरणों को भी यहाँ रखा जायेगा.
- इस क्षेत्र को राज्य के पहले बायोडायवर्सिटी पार्क एवं ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जायेगा.
- इसके साथ ही यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए सफारी में कैंटीन, जिप्सी और सुरक्षा की भी ख़ास व्यवस्था रहेगी.
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- बता दें कि इस वन्य सफारी को टाइगर ब्रीडिंग सेंटर के रूप में भी विकसित किया जायेगा.
- जिससे तेज़ी से कम होती शेरों की संख्या को भी बढ़ाया जा सके.
- इस प्रोजेक्ट को लेकर आला अधिकारियों ने बुधवार को वन विभाग के साथ बैठक की थी.
- बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान एवं प्रमुख सचिव वन रेणुका सिंह भी शामिल हुए.
- अफसरों की मानें तो इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा किया जायेगा.
- गौरतलब हो की ये सफारी प्रदेश की दूसरी वाइल्डलाइफ सफारी होगी.
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