कल यानि 27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे लम्बा पूर्ण चन्द्रग्रहण लगेगा. लोगों में इसको लेकर उत्साह है मगर बारिश उनका मज़ा किरकिरा कर सकती है.
103 मिनट का होगा ये चंद्रग्रहण:
इस पूर्ण चन्द्र ग्रहण को 21वीं सदी का सबसे लम्बा चन्द्रग्रहण बताया जा रह है. यह रात 27 जुलाई की 11:45 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई को रात 2 :45 बजे तक होगा. गुरु पूर्णिमा के दिन होने वाले इस ग्रहण को भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका में पूर्ण रूप से जबकि यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में आंशिक रूप से देखा जा सकता है.
क्यों खास है ये चंद्रग्रहण:
इस चन्द्र ग्रहण के दौरान सुपर ब्लड मून का भी नज़ारा देखने को मिलेगा. एक घंटे 45 मिनट तक खून की तरह लाल दिकेगा चाँद. इस दौरान चाँद चमकीले लाल रंग का दिखेगा. दोबारा ऐसा संयोग 9 जून 2123 में बनेगा.
इतने लंबे चन्द्रग्रहण की वजह:
इस ग्रहण के दौरान सूर्य, चाँद और पृथ्वी के केंद्र सीधी रेखा में होंगे. चाँद की दुरी पृथ्वी से सामान्य से ज्यादा होगी और इसे पृथ्वी की छाया पार करने में ज्यादा समय लगेगा. इस वजह से ग्रहण 103 का होगा.
ग्रहण पर ज्योतिषियों की राय:
ज्योतिषियों की माने तो यह ग्रहण शुभ नहीं है. उनके अनुसार इस ग्रहण के प्रभाव के रूप में आने वाले दिनों में प्राकृतिक आपदा या विमान दुर्घटना देखने को मिल सकती है. शास्त्रों के अनुसार सूर्यग्रहण के 12 घंटे पहले जबकि चन्द्रग्रहण के दस घंटे पहले सूतक लगता है, इस दौरान पूजा-पाठ और खान-पान वर्जित होता है.
पिछली बार 26 जुलाई 1953 को इतना लम्बा चंद्रग्रहण हुआ था. उस दौरान ग्रहण का कुल समय 101 मिनट का था. उस समय ग्रीस में भीषण भूकंप आया था.
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