उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को बहुत जल्द मेट्रो की सुविधा मिल सकती है, सूत्रों की मानें तो आगामी 14 अगस्त लखनऊ मेट्रो(lucknow metro) के लिए ‘जजमेंट डे’ हो सकता है। शनिवार को LMRC के MD ने चारबाग से हजरतगंज तक के निर्माण का जायजा लिया था।

CMRS की निगरानी में 14 अगस्त को आखिरी ट्रायल(lucknow metro):

  • आगामी 14 अगस्त लखनऊ मेट्रो के लिए जजमेंट डे हो सकता है।
  • जिसके तहत 14 अगस्त को CMRS की निगरानी में मेट्रो का आखिरी ट्रायल होना है।
  • ऐसा माना जा रहा है कि, आखिरी ट्रायल के बाद लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखाई जा सकती है।
  • वहीँ शनिवार को LMRC MD ने चारबाग से हजरतगंज तक के निर्माण का जायजा लिया।
  • इस दौरान MD ने चारबाग मेट्रो स्टेशन पर बने रैम्पों की प्रगति भी परखी।
  • साथ ही उन्होंने बताया कि, जल्द ही गोमती पर स्पेशल स्पैन का काम शुरू किया जायेगा।

किस रैंप में होगी कितनी डायाफ्राम वाल(lucknow metro):

  • चारबाग रैंप सेक्शन में 60 डायाफ्राम वाल,
  • हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन में 30 डायाफ्राम वाल,
  • सचिवालय में 120,
  • हजरतगंज में 125,
  • रैंप सेक्शन हजरतगंज पर 143 डायाफ्राम वाल होंगी।

हजरतगंज स्टेशन में होंगे 2 कमर्शियल एरिया(lucknow metro):

  • गौरतलब है कि, हजरतगंज मेट्रो स्टेशन भूमिगत बनाया जायेगा।
  • इसके साथ ही स्टेशन में 2 कमर्शियल एरिया भी बनाये जायेंगे।
  • पहले एरिया एंट्री लेवल पर और दूसरा कॉनकोर्स लेवल पर होगा।
  • वहीँ गोमती मशीन को सचिवालय तक लाने में करीब 20 दिन का समय लगेगा।

शुक्रवार को हुआ था ट्रायल(lucknow metro):

  • लखनऊ मेट्रो का एक बार फिर से शुक्रवार को ट्रायल रन किया गया।
  • यह ट्रायल रन सरोजनी नगर से चारबाग टर्मिनल तक किया गया।
  • मेट्रो का ट्रायल रन सुबह के वक्त 6 बजे होना था।
  • लेकिन तकनीकी वजहों से मेट्रो का ट्रायल रन डेढ़ घंटे देर से यानी सुबह 7.30 बजे से शुरू हो पाया।
  • लोगों ने जब सरोजनीनगर मेट्रो टर्मिनल से लेकर चारबाग के बीच मेट्रो को दौड़ता देखा,
  • तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
  • मेट्रो सरोजनीनगर टर्मिनल के उपर से होते हुए चारबाग तक पहुंची।
  • इस दौरान रोड पर खड़े होकर नीचे से लोग मेट्रो को लगातार देखते रहे।

 

lucknow metro trial

कई बड़े अधिकारी रहे मौजूद(lucknow metro):

  • शुक्रवार को लखनऊ मेट्रो का ट्रायल रन किया गया था।
  • ट्रायल रन के दौरान लखनऊ मेट्रो के जनरल मैनेजर सुशील कुमार समेत मेट्रो के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे।
  • लखनऊ मेट्रो के जनरल मैनेजर सुशील कुमार ने बताया, यहां पर आज पटरियों के उपर लोड डिफ्लेक्शन टेस्ट भी कराया गया।
  • इसके लिए कुल आठ कोच लाये गये थे, जिनका वजन 64 क्विंटल था।
  • इस तरह 512 क्विंटल का वेट पटरियों पर रखकर टेस्ट किया गया।
  • जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार शाम तक सीएमआरएस को भेजी जाएगी।
  • इसके बाद जब भी सीएमआरएस की तरफ से कहा जाएगा,
  • उनकी निगरानी में मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन दोबारा से करा लिया जाएगा।

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36 घंटे तक किया टेस्ट किया लोड(lucknow metro):

  • गुरुवार को आलमबाग चौराहे पर लोड टेस्ट किया गया था, जो सफल रहा था।
  • गौरतलब है कि, यह लोड टेस्ट 36 घंटों तक किया गया था।
  • मंगलवार को मवैया पर लोड टेस्ट और बुधवार को अवध चौराहा पर लोड टेस्ट कराया गया।
  • वह भी सफल रहा था।
  • एलिवेटेड रूट के टेस्ट का काम भी पहले पूरा कर लिया गया है।
  • शुक्रवार को पूरे दिन मेट्रो का ट्रायल रन किया जाएगा।
  • बीच में कुछ टाइम के लिए इंटरवल भी होगा।

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लखनऊ मेट्रो की बोगियों में होगी ये खासियत(lucknow metro):

  • शुक्रवार को लखनऊ मेट्रो का ट्रायल रन किया जा रहा है, जो पूरे दिन होना है।
  • इसके अलावा लखनऊ मेट्रो की बोगियों में कई ख़ास बातें होंगी जो निम्न हैं।
  • मेट्रो ट्रेन में ड्राइविंग कैब (इंजन में ड्राइवर के बैठने की जगह) बायीं तरफ है।
  • इसमें एक इमरजेंसी डोर भी होगा।
  • ड्राइवर सभी बोगियों के यात्रियों के अलावा डिपो, स्टेशन और कंट्रोल रूम के संपर्क में भी रहेगा।
  • ट्रेन में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है।
  • LMRC के मुताबिक, ड्राइवर से कोई गलती होने पर ट्रेन ऑटोमेटिक मोड पर चली जाएगी,
  • साथ ही ड्राइवर को यह भी पता चल जाएगा कि क्या गलती हुई।
  • पहले और चौथे कोच में 43 यात्रियों के बैठने और 220 यात्रियों के खड़े होने भर की जगह है।
  • बीच के दो डिब्बों में 50 यात्री बैठ सकेंगे जबकि 220 यात्रियों के खड़े होने भर की जगह है।
  • इस लिहाज से मेट्रो रेल में एक बार में 1066 यात्री सफर कर सकेंगे।

लखनऊ मेट्रो में दोनों तरफ होंगे इमरजेंसी गेट(lucknow metro):

  • लखनऊ मेट्रो में इमरजेंसी की हालत में अफरातफरी न हो,
  • इसके लिए मेट्रो की बोगियों में दोनों तरफ इमरजेंसी एक्जिट बनाए गए हैं।
  • वहीं, बोगियों के बीच में गैंग-वे बनने की व्यवस्था भी है।
  • इमरजेंसी के दौरान आगे-पीछे लगी बोगियां आपस में जुड़ जाएंगी और उनके बीच का हिस्सा हट जाएगा।
  • ताकि यात्री एक बोगी से दूसरी बोगी में जा सकें।

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