उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हकीकत में तब्दील करने के लिए लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) की टीम ने पूरी तैयारी कर ली है। इसी क्रम में सोमवार की देर रात मेट्रो कोचों को डिपो से निकालकर सिंगार नगर मेट्रो स्टेशन तक चलाकर प्री ट्रायल किया गया। 1 दिसंबर को लखनऊ मेट्रो के आधिकारिक ट्रायल से पहले ही सोमवार रात को गुपचुप तरीके से लखनऊ मेट्रो का ट्रायल किया गया है। अब 1 दिसंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इससे पूर्व की जाने वाली सभी तैयारियां एलएमआरसी ने पूरी करने का दावा किया है।
- इससे पहले डिपो में मेट्रो कोच के होने वाले सभी ट्रायल 28 नवंबर की शाम तक पूरे किये गए।
- इसके बाद कोचों का प्री-ट्रायल एलीवेटेड ट्रैक पर कराने का निर्णय लिया गया।
- वरिष्ठ अफसरों से दिशा निर्देश मिलने के बाद मेट्रो कार्यालय में परिचालन, रोलिंग स्टाक व वर्क्स से जुड़े अफसरों की बैठक हुई।
- बैठक में तय किया गया कि 1 दिसंबर से पहले ही ट्रेन का ट्रायल किया जाना चाहिए।
- इससे अगर कहीं कोई कमी होगी तो वह दो दिन पहले पता की जा सकेगी।
- साथ ही सीएम के सामने होने वाले ट्रायल से पहले उन्हें दुरुस्त किया जा सकेगा।
- बैठक के बाद सोमवार रात 8 बजे सभी अफसरों को डिपो पहुंचने के निर्देस दिये गए।
- मेट्रो के प्री ट्रायल से पहले सभी स्टेशनों पर सिगनल, ओएचई और संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को स्टेशनों पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे।
- जिससे कि अगर कोई गड़बड़ी आए तो उसे तुरंत दूर कर लिया जाए।
- वहीं, बैक अप कंट्रोल सेंटर से भी मेट्रो संचालन की गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी।
5 km प्रति घण्टे की रफ्तार से हुआ ट्रायलः
- वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद डिपो में कोज को इंस्पेक्शन बे से निकालकर ट्रैक पर खड़ा कर दिया गया।
- जिसके बाद रैंप के जरिये मेट्रो के चारों कोचों को ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन पर लाया गया।
- ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन से सिंगार नगर स्टेशन तक ट्रेन को 5 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से लाया गया।
- प्री ट्रायल की सफलता के बाद मेट्रो को अभियंताओं की निगरानी में वापस डिपो लाकर खड़ा कर दिया गया।
- अब ट्रेन पूरी तरह से तैयार है और 1 दिसंबर को सीएम झंडी दिखाकर लखनऊ मेट्रो की शुरूआत करेंगे।