आपने लखनऊ मेट्रो को ट्रॉयल रन के दौरान सड़क के ऊपर से तो खूब गुजरते देखा होगा। लेकिन जमीन के अंदर यह गाड़ी कैसे चलेगी यह सवाल दिमाग में खूब उमड़-घुमड़ रहे होंगे। चलिए कोई बात नहीं जमीन के अंदर मेट्रो चलने में अभी काफी वक्त लगेगा लेकिन uttarpradesh.org आप को वीडियो के जरिये दिखा रहा है कि इसी सुरंग में जमीन के नीचे अपनी मेट्रो चलेगी। इसकी सवारी करने के लिए लोग काफी उत्सुक हैं।
देखिये यही है वो सुरंग जिसमे चलेगी मेट्रो:
https://youtu.be/2YIv12xQYYc
चलने को तैयार अपनी मेट्रो
- बता दें कि लखनऊ मेट्रो अब चलने को तैयार है।
- इसी क्रम में अंडरग्राउंड मेट्रो का भी काम तेजी के साथ चल रहा है।
- बुधवार को सुबह मेट्रो रेल कार्पोरेशन से जुड़े अधिकारियों संग पत्रकारों ने भी सचिवालय अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन और सुरंग का भ्रमण कर कार्य प्रणाली की को देखा।
- अधिकारियों ने जमीन के अंदर कैसे टनल मशीन द्वारा सुरंग की खोदाई और मिटटी बाहर निकाली जाती है इस विषय में विस्तार से बताया।
- सुरंग में जाते समय मेट्रो कर्मियों ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये थे।
- बता दें कि लखनऊ मेट्रो अब 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से लोडेड और अनलोडेड स्थित में दौड़ेगी।
- इसके लिए आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन) ने अंततः लखनऊ मेट्रो के दोलन परीक्षण परीक्षण के परिणाम जारी किए हैं।
- यह लखनऊ मेट्रो को अंतिम स्पीड सर्टिफिकेट मंजूर की गई गति से 10% कम होगा, जो कि भरी हुई और उतार-चढ़ाव दोनों स्थितियों में 80 किमी प्रति घंटा है।
- लेकिन ढीले निलंबन (जब वायु लीक) की स्थिति में, अधिकतम अनुमोदित गति केवल 60 किमी प्रति घंटा होगी।
आगे और भी बढ़ सकती है स्पीड
- आरडीएसओ के एक अधिकारी ने कहा, ‘डीफ्लेटेड हालत दुर्लभ है लेकिन अगर ऐसा होता है, तो ट्रेन केवल 60 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से आगे बढ़ सकती है।
- यदि यह आगे बढ़ जाती है, तो यह ट्रेनों को परेशान करने और थकान, आदि।’
- आरडीएसओ टीम ने ‘अंतिम गति प्रमाणपत्र’ के अनुमोदन के लिए शहरी परिवहन और हाई स्पीड मेट्रो निदेशालय को रिपोर्ट भेजी है।
- आपातकालीन ब्रेकिंग दूरी रिपोर्ट की जांच के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
- बता दें कि लखनऊ मेट्रो के ट्रॉयल ट्रेन रन का शुभारम्भ तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था।
दोनों मशीनों ने नाम रखे गए गंगा व गोमती
- इसी के साथ लखनऊ मेेट्रों के फेस 1 ए (उत्तर दक्षिण काॅरिडोर) के 3.5 कि0मी0 लम्बे सचिवालय, हुसैनगंज व हजरतगंज विभाग में भूमिगत टनलिंग का कार्य निर्धारित समय से पूर्व प्रारम्भ हो गया है।
- यह कार्य अप व डाउन लाइन में एक साथ दो टनलिंग मशिन द्वारा चलेगा।
- दोनों मशिनों के नाम यूपी की दो मुख्य नदियों गंगा व गोमती के नाम पर रखे गये हैं।
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