निजाम बदलने के बाद अब सियासत ने तेजी से करवट ली है. इसका असर भी उत्तर प्रदेश में दिखाई देने लगा है. कहीं निविदा निकालकर भर्तियाँ शुरू की जा रही हैं तो टेंडर दिए जा रहे हैं लेकिन अचानक एक ऐसी घटना जिसने कई सवाल पैदा कर दिए, वो है नगर निगम का सर्वर हैक होना. अचानक नगर निगम का सर्वर हैक होना और डाटा गायब होना कई सवाल उठा रहा है.
नगम निगम का सर्वर हैक, डाटा हुआ गायब:
नगर निगम का सर्वर हैक होने के बाद तमाम डाटा गायब हो चूका है. संविदा सफाई कर्मचारियों की भर्ती के अलावा बायोमेट्रिक अटेंडेंस तक ठप है. एक्सपर्ट की टीम लगातार सर्वर को कण्ट्रोल में लेने की कोशिश में जुटी हुई है और उनका कहना है कि वायरस अटैक के कारण निगम का सर्वर बैठ गया है और शनिवार तक डाटा रिकवर होने की उम्मीद है लेकिन अभी तक ऐसा नही हो पाया है.
वहीँ ऐसी ख़बरें भी आ रही हैं कि डाटा गायब होने के पीछे कुछ और ही कारण है. जन्म-मृत्यु और हाउस टैक्स का ऑनलाइन काम चल रहा है लेकिन संविदा सफाई कर्मचारियों के आवेदन के लिए आये फीड का पूरा डाटा हैक कर लिया गया है. ऐसा अंदेशा है कि डाटा को नष्ट करने के ध्येय से ये हैकिंग की गई है. अगर डाटा रिकवर नहीं हो सका तो करीब 3 लाख आवेदनों की एंट्री फिर से करना नगम निगम के लिए चुनौती बन सकती है.
डाटा गायब होने के पीछे क्या कारण:
- हालाँकि डबल एकाउंटिंग प्रभारी रचना रस्तोगी का कहना है कि सर्वर पर उपलोड किये गए डाटा का बैकअप मौजूद है और चिंता की कोई बात नहीं है.
- लेकिन सवाल और भी हैं कि डाटा गायब करने के पीछे मंशा क्या रही होगी.
- वहीँ नगर निगम पर लगातार ऊँगली उठने के बाद आवेदन और भर्ती प्रक्रिया में धांधली के अंदेशे की खबरें हैं.
- कहा जा रहा है कि नयी सरकार आने के बाद विभाग में अफरा-तफरी मची हुई है.