राजधानी लखनऊ के विधान भवन में (director sb upadhyay) पिछले दिनों मानसून सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की सीट से तीसरी नंबर की सीट पर एक पुड़िया में 60 ग्राम मिले संदिग्ध विस्फोटक मिलने के प्रकरण में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ श्याम बिहारी उपाध्याय को भ्रामक और अप्रमाणिक रिपोर्ट देने के आरोप में उनके पद से निलंबित कर जांच के आदेश दिए गए हैं।
- बताया जा रहा है कि उन्होंने एक्सपायर्ड किट से परीक्षण करने के बाद संदिग्ध पाउडर को विस्फोटक (पीईटीएन) बता दिया था।
- इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ा था और सरकार की खूब किरकिरी हुई थी।
सरकार को गुमराह करने का आरोप
- बताया जा रहा है कि प्रथमदृष्टया संदिग्ध पीईटीएन की जांच ही गलत तरीके से की गई थी।
- रिपोर्ट जिस किट से पीईटीएन की जाच हुई थी, वह तो एक्सपायर्ड था।
- जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली किट मार्च 2016 में ही एक्सपायर हो चुकी थी।
- डायरेक्टर भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें मामले की पूरी जानकारी थी।
- इसकी पुष्टि शासन ने अपनी रिपोर्ट में भी कर दी।
- रिपोर्ट में कहा गया था कि फोरेंसिक लैब हेड श्याम बिहारी उपाध्याय ने सरकार को गुमराह करने का काम किया।
- डीजीपी सुलखान सिंह ने श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
- रिपोर्ट में विभागीय कार्रवाही करने की संस्तुति दी गई थी।
- विधान भवन में संदिग्ध पाउडर को पीईटीएन बताये जाने के मामले में एफएसएल के निदेशक श्याम बिहारी उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया है।
- हितेश अवस्थी को पूरे मामले की जाँच के लिए अधिकारी नियुक्त किया गया है।
क्या है पूरा मामला
- यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा बजट सत्र 1017 के सदन के दौरान नेता विपक्ष की कुर्सी के निकट 12 जुलाई को एक तीब्र गति का बेहद शक्तिशाली विस्फोटक मिलने से हड़कंप मच गया था।
- विस्फोटक मिलने से विधानसभा सुरक्षा बलों के हाथपांव फूल गए।
- सुरक्षा अधिकारियों ने फौरन डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम बुलाई।
- फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम ने Pentaerythritol tetranitrate पीईटीएन (PETN) (पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट) होने की पुष्टि की थी।
- एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, ये विस्फोटक आतंकवादियों के पास मिलता है और इसे रिमोट के जरिये भी ऑपरेट किया जा सकता है।
- हालांकि ये विस्फोटक विधान सभा के अंदर कैसे पहुंचा यह बहुत बड़ा सवाल है।
- विपक्षियों ने इसमें किसी नेता या उसके समर्थक का हाथ होने का आरोप लगाया।
- फिलहाल इस पूरे (director sb upadhyay) मामले की गहनता से सुरक्षा बल और एजेंसी जांच कर रहे हैं।