यौनशोषण और बलात्कार केस में फंसे सपा के करीबी नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति केस की जांच अब एसआईटी करेगी। इसके लिए SIT का गठन कर दिया गया है। गायत्री केस में अफसरों की भूमिका की भी जांच हो रही है। इस पूरे मामले की जांच करने की जिम्मेदारी एएसपी उत्तरी अनुराग बख्स को जिम्मेदारी दी गई। इस केस की जांच बदलने के लिए एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने आदेश दिए हैं।
गौतमपल्ली थाने में दर्ज है केस
- बता दें कि इस मामले में सीबीसीआईडी की जांच चल रही थी लेकिन इस जांच से महिला संतुष्ठ नहीं थी।
- इसके चलते आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट की मदद लेनी पड़ी थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी।
- इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।
- इस आदेश का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने विधिक राय लेने के बाद गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
- आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंन्द्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में अपराध संख्या 29/11 आईपीसी की धारा 376 D महिला के साथ गैंग रेप, 376/511 महिला की बेटी के साथ रेप का प्रयास, 504,506 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
- गायत्री को अभी पिछले दिनों पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, उसे जमानत देने वाले जज को भी सस्पेंड कर दिया गया।
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