हाल में देश में अफ़वाहों और पशु तस्करी के शक में भीड़ द्वारा हुई हिंसा और हत्याओं को गंभीरता से लेते हुई अब राज्यों ने भी मॉब लिंचिंग को रोकने लिए कमर कस ली है. राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी मॉब लिंचिंग को रोकने लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स गठित करने का फ़ैसला लिया गया है.
फ़ैसले की वजह:
17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए ऐसी घटनाओं की विवेचना और रोकथाम के लिए ज़रूरी दिशा निर्देश जारी किये थे. जिसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को हर जिले में पुलिस अधीक्षक स्तर को नियुक्त करने और मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स बनाने का सुझाव दिया था. सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफ़वाहों पर लगाम लगाना की भी ज़िम्मेदारी इस विशेष दस्ते को देने को कहा गया.
मॉब लिंचिंग के खिलाफ़ यूपी पुलिस की टास्क फ़ोर्स:
डीजीपी ने भीड़ द्वारा होने वाली हिंसा और हत्याओं (मॉब लिंचिंग) को रोकने के लिए हर जिले में पुलिस कप्तान को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. नोडल अधिकारियों को जिलों में ऐसे गांवों, कस्बों, मजरों व मोहल्लों को चिह्नित कराने को कहा है जहां पिछले पांच वर्षों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हों। इसके साथ ही उन्होंने हर जिले में स्पेशल टास्क फ़ोर्स गठित करने के भी निर्देश दिए है. इस टास्क फ़ोर्स का मुख्य काम ऐसे व्यक्तियों के बारे में ख़ुफ़िया जानकारी इकठ्ठा करना होगा जो ऐसी घटना करने वाले है या भीड़ को उकसाने की वारदात में संलिप्त है. डीजीपी की तरफ़ से जारी एडवाइजरी में ये निर्देश दिए गए है सोशल मीडिया पर फैलने वाली भ्रामक जानकारियों की रोकथाम के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही पीड़ित समुदाय या वर्ग के विरुद्ध अमैत्रीपूर्ण व्यवहार की घटनाओं को भी रोका जाए. डीजीपी ओपी सिंह इसे सभी जिलों में थाना वार लागू किया जाएगा. सभी थानेदारों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए है.
टास्क फ़ोर्स की ज़िम्मेदारी :
➦स्पेशल टास्क फ़ोर्स संभावित अपराधियों की जानकारी जुटाएगा
➦पिछले पांच साल में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं का रिकॉर्ड तैयार करेगा
➦किन- किन स्थानों पर मॉब लिंचिंग की घटनायें घटित हुई उन्हें चिन्हित करेगा
➦स्पेशल टास्क फ़ोर्स सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखेगा
➦जागरूकता और प्रचार प्रसार का जिम्मा भी एसटीएफ के जिम्मे होगा
➦मॉब लिंचिंग की संभावना को लेकर स्थानीय खुफिया यूनिट के साथ नियमित बैठकों का आयोजन होगा
➦किसी भी समुदाय या जाति के खिलाफ प्रतिकूल माहौल को खत्म करने के प्रयास करना
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