राजधानी के मड़ियांव थाना क्षेत्र में इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर तैनात ट्रैफिक सिपाहियों की बहादुरी और सूझबूझ से दो मवेशी तस्कर गिरफ्त में आ गए। इसके बाद मवेशियों से लदे डीसीएम और तस्करों को सम्बंधित थाने पहुंचा दिया गया।

यह है पूरा मामला

  • जानकारी के मुताबिक, बुधवार की शाम इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर मौजूद ट्रैफिक सिपाही कर्मवीर यादव और राजमणि यादव मौजूद थे।
  • तभी एक डीसीएम (यूपी 77टी 2939) मड़ियांव की तरफ से नो एंट्री में आने लगी।
  • इस पर ट्रैफिक सिपाही राजमणि ने डीसीएम रोक ली और नो एंट्री में घुसने पर जुर्माने की बात कही।
  • जुर्माने की बात पर डीसीएम सवार तीनों युवक फौरन राजी हो गए।
  • इस पर ट्रैफिक सिपाही को आशंका हुई और उसने चौराहे पर मौजूद अपने साथी सिपाही को यह बात बताई।
  • इसके बाद दोनों सिपाहियों ने डीसीएम में सवार तीनों युवकों को ट्रैफिक बूथ में बैठाल दिया।
  • डीसीएम की तलाशी ली तो उसमें 35 मवेशी (पड़वे) भरे हुए थे।
  • उधर मौका पाकर तीनों युवक बूथ से निकलकर गौशाला जानकीपुरम की तरफ भागने लगे।
  • तीनों को भागते देख ट्रैफिक सिपाही कर्मवीर और राजमणि ने उन्हें पैदल ही दौड़ा लिया और गौशाला के सामने दो को दबोच लिया।
  • जबकि डीसीएम चालक फरार हो गया।
  • सूचना के बाद जानकीपुरम पुलिस ने डीसीएम और दोनों तस्करों को हिरासत में लेकर कार्यवाई शुरू की है।
  • गिरफ्तार तस्करों की पहचान सरताज निवासी जालौन और हसीन उर्फ शहीन निवासी कानपूर देहात के रूप में हुई।
  • गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि वे इन मवेशियों को पुखरायां से लेकर कुर्सी के एक बूचड़खाने में ले जा रहे थे जहां मांस की फैक्ट्री है।
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