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उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय के नए कुलपति और नेशनल पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। शनिवार दोपहर वह जब कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने यूनिवर्सिटी के गेट में घुसने से पहले अपनी गाड़ी रुकवाई और गाड़ी से उतरकर पहले जूते उतारे और जमीन पर बैठकर विवि की धरती को मत्था टेक कर प्रणाम किया इसके बाद वह यूनिवर्सिटी में घुसे और अपना कार्यभार संभाला।
अगले पेज पर पढ़ें छात्र से कुलपति बनने तक का सफर:
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विवि के नए कुलपति ने कहा इस धरती ने मुझे बहुत कुछ दिया
- मूलरूप से फैजाबाद के रहने वाले डॉ. एसपी सिंह का जन्म 8 मार्च 1955 को हुआ था।
- उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा फैजाबाद से ग्रहण की।
- इसके बाद उन्होंने स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय से की।
- पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद वर्ष 1976 में उनकी नियुक्ति गोंडा स्थित एलबीएस पीजी कॉलेज में इकोनॉमिक्स के लेक्चरर के रूप में हुई।
- 1991 में वह नेशनल कॉलेज के प्राचार्य बनें।
- उन्होंने विवि के गेट में घुसने से पहले धरती को प्रणाम करते हुए कहा कि मैंने यहीं पढ़ाई की और आज यहीं का कुलपति बना हूं।
- इस धरती ने मुझे बहुत कुछ दिया है। वह लखनऊ यूनिवर्सिटी में पैदल भी घूमे।
नेशनल पीजी कॉलेज को दिलाई देश में पहचान
- डॉ. एसपी सिंह ने Uttarpradesh.org से खास बातचीत में बताया कि जब वह नेशनल पीजी कॉलेज आए तो उस समय कॉलेज में बिजली, पानी तक की व्यवस्था नहीं थी।
- बीकॉम और बीए में केवल 160 छात्र, प्राचार्य सहित मात्र 8 फैकल्टी थीं।
- उस समय कॉलेज केवल चार कमरों में चलता था।
- उन्होंने कहा कि मैंने इस कॉलेज में बीएससी, एमएससी, एम, एमकॉम, बीसीए, बीबीए सहित 11 स्ट्रीम में 36 कोर्सेज की पढ़ाई शुरू कराई।
- मौजूदा समय में 5000 छात्र और छात्राएं जबकि 160 शिक्षक हैं।
- इतना ही नहीं कॉलेज को 2008 से ऑटोनामस का दर्जा प्राप्त है।
- उन्होंने बताया अपने 25 साल के कार्यकाल में नेशनल पीजी कॉलेज को केवल लखनऊ ही नहीं पूरे देश में एक अलग पहचान दिलाई।
- आज कॉलेज की अच्छी शिक्षा देखते हुए कॉमर्स फैकल्टी में दाखिले के लिए देश भर से छात्र आते हैं।
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