लखनऊ विश्वविद्यालय के दाखिलों (admission 2017) में हेराफेरी के किस्से तो कई सुने होंगे। लेकिन इस बार इस सच्चाई का शिकार कोई और नहीं बल्कि एक जज की बेटी ही हो गई।
कब्जेदारी को आपस में भिड़े भाकियू कार्यकर्ता-अधिवक्ता!
- विवि प्रशासन ने जज की बेटी को काउंसलिंग के लिए बुलाया और फिर एक अलग कमरे में बैठा दिया।
- छात्रा का आरोप है कि काफी देर तक वह इंतजार करती रही लेकिन उसे जब नहीं बुलाया गया तो वह डीन से मिली तो उन्होंने सीट फुल होने का बहाना बनाकर उसे लौटा दिया।
प्रवेश प्रक्रिया में हो रही धांधली, रालोद ने सरकार को घेरा!
जज की बेटी पता चलते ही फूले हाथपांव
- दरअसल रत्ना पाण्डेय एलएलएम में एडमिशन लेने पहुंची थी।
- उनके पिता हरिनाथ पाण्डेय जज हैं।
- रत्ना ने बताया कि उन्होंने एलएलएम की परीक्षा में सामान्य श्रेणी में 5वीं रैंक प्राप्त की थीं।
- उनको एलयू प्रशासन ने काउंसिलिंग के लिए 18 जुलाई मंगलवार को बुलाया था।
- रत्ना समय पर जब विवि पहुंची तो उनको लड़की होने के नाते एक अलग कमरे में बैठा दिया गया।
- अध्यापकों ने कहा कि आप इन्जार करिए आपको बुला लिया जाएगा।
विधान भवन पर नगर निगम का 1.48 करोड़ कर्ज बकाया!
- काफी देर इन्तजार के बाद रत्ना को जब नहीं बुलाया गया तो वह संकाय अध्यक्ष (डीन) से मिलीं और पूरी बात बतायी।
- इसके बाद संकाय अध्यक्ष ने सीट फुल होने की बात कहकर एडमिशन लेने से मना कर दिया।
- बुधवार को इस सम्बन्ध में जब जज ने एलयू के डीन और वीसी से मुलाकात की तो इन दोनों के हाथपांव फूल गए।
नरेश अग्रवाल के गढ़ में भाजयुमो ने फूंका पुतला!
- दोनों ने एलयू प्रशासन की गलती मानते हुए छात्रा को गुरुवार को मिलने के लिए बुलाया है।
- इस कहानी से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि लखनऊ विवि प्रशासन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
- बता दें कि लविवि पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं लेकिन विवि प्रशासन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
रेप के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला!
रालोद भी लगा चुका प्रवेश प्रक्रिया में धांधली के आरोप
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय (admission 2017) मीडिया प्रभारी अनिल दुबे ने प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों मे छात्र/छात्राओं की प्रवेश समस्या को देखते हुये सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटे बढ़ाने की मांग की है।
- आज पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों के सामने गम्भीर संकट है।
- छात्र छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमों मे प्रवेश के लिए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यलयों में ठोकर खाने पर मजबूर हैं।
- एक एक छात्र प्रवेश के लिए अनेकों जगह आवेदन कर रहा है परन्तु उसे प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।
- सरकार इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है और छात्र छात्राओं को उनके मौलिक अधिकार से वंचित करने का काम कर रही है।
प्रवेश प्रक्रिया में हो रही धांधली पर व्यक्त की चिंता
- उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया में हो रही धांधली को लेकर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि ग्रामीण और सुदूरवर्ती अल्प आय के छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का कुचक्र रच रहा है।
- सम्पन्न प्रवेश परीक्षाओं की फीस 2000 तक वसूली गयी जो किसी भी तरह न्याय संगत नहीं है।
- माइग्रेशन व डिग्री के नाम पर भारी धन उगाही जारी है जबकि छात्रों का मौलिक अधिकार है कि जो परीक्षा उसने पास की उसकी डिग्री और माइग्रेसन उसे निशुल्क उपलब्ध कराया जाय।
- लम्बे समय से विश्वविद्यालय परिसर में छात्रसंघों के चुनाव बंद है जिसके कारण छात्र अपनी जायज मांग नहीं उठा पा रहे हैं।
- इसका फायदा उठाकर विश्वविद्यालय प्रशासन तरह-तरह से छात्रों का उत्पीड़न कर रहा है।
पिटाई के डर से स्कूल नहीं जा रही मासूम छात्रा!
राज्यपाल से मिलेंगे रालोद नेता
- श्री दुबे ने आगे कहा कि बढ़ती जनसंख्या और शिक्षा दर के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ।
- इसलिए सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि छात्रों के लिए सस्ती सुलभ व गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा मुहैया करायी जाय।
- सांध्य कालीन (admission 2017) कक्षाएं चालू कराकर व विभिन्न पाठयक्रमों की सीटे बढ़ाकर यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
स्याह तस्वीर पेश कर रहा बाल मजदूरी का ये वीडियो!
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विश्वविद्यालयों को इसलिए आर्थिक सहायता करता है कि गरीब के बच्चे को शिक्षा दिलायी जा सके।
- उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में व्याप्त विसंगतियों को लेकर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को सचेत रहना होगा।
- अन्यथा आने वाले दिनों में अल्प आय वर्ग के लोगो के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा एक सपना बनकर रह जायेगा।
- उन्होंने कहा कि इन (admission 2017) सम्बन्ध में प्रदेश के राज्यपाल तथा उप मुख्यमंत्री से मिलकर छात्र/छात्राओं की समस्याओं से अवगत कराया जायेगा।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें