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कुछ दिनों में लविवि को जेल और यातनागृह बना दिया गया: पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष

Lucknow University Students Union PC LU controversy

आज लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारियों की संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की गयी जिसमें बीते दिनों लविवि में हुए शिक्षकों और छात्रों के बीच के बवाल को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान पूर्व छात्र संघ ने विश्वविद्यालय को जेल में तब्दील करने का आरोप लगाया .

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अतुल कुमार अनजान का बयान:

लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अतुल कुमार अनजान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की ये विश्वविद्यालय प्रदेश की राजधानी का विश्वविद्यालय है, ये कोई जेल नहीं है। हमने इस विश्वविद्यालय के लिए कई लड़ाईयां लड़ी है

उन्होंने कहा कि विगत दिनों से इस विश्वविद्यालय को जेल और यातनागृह बना दिया गया है.

-मुझे ये देख कर अजीब लग रहा है कि अब छात्रों को एडमिशन के लिए, अपने हक के लिए भी हाँथ फैलाने पड़ते हैं.

-लखनऊ विश्वविद्यालय को कबूतर खाना बना दिया गया है.

-मुख्यमंत्री, राज्यपाल आजकल लखनऊ विश्वविद्यालय पर ध्यान नहीं दे रहे हैं

-लखनऊ विश्वविद्यालय में हो रही घटनाएं माहौल खराब कर रही है.

-छात्रसंघ के चुनाव को कराया जाए, सरकार छात्रसंघ चुनाव से क्यों भाग रही है।

-हम हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं पर संवाद के नाम पर विश्वविद्यालय को कबूतरखाना बनाना हम बर्दाश्त नही कर सकते हैं.

-हम सभी ने प्रतिवेदन दिया है , और 3 हफ्ते में अगर काम नही हुआ तो हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.

पूर्व छात्र संघ नेता सत्यदेव त्रिपाठी का बयान:

वहीं पूर्व छात्र संघ नेता सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि जो छात्र मेरिट पर हैं, उनका एडमिशन किया जाए, उन्हें रोका न जाये.

उन्होंने कहा कि, ” मैं भी लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष रहा हूं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महामंत्री भी रहा हूँ मगर तब और अब में बहुत फर्क आया है.

-छात्रों को अपनी मांग के लिए काला झंडा दिखाना कोई गलत नही है, विश्वविद्यालय प्रशासन का ये तानाशाही रवैया ठीक नहीं है.

क्या हैं मामला:

बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों के एडमिशन को लेकर कुछ छात्र धरने पर बैठ गये थे. इनमें पूजा शुक्ला 2 जुलाई से अनशन कर रही थी. वहीं दो दिन बाद शांति पूर्र्ण धरना बवाल में तब्दील हो गया.

जब छात्रों और शिक्षकों के बीच हाथापाई तक बात पहुँच गयी. जिसके बाद जहाँ एक ओर कई छात्र गिरफ्तार हो गये, वहीं लविवि को भी बंद कर दिया गया था. यहाँ तक की नाराज शिक्षकों ने काउन्सलिंग भी रोक दी थी. इस पूरे मामले में लूटा ने कार्य बहिष्कार भी कर दिया था.

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