लखनऊ विश्वविद्यालय में नये सत्र से नयी व्यवस्था लागू होने वाली है। इसके चलते अब लविवि की वेबसाइट पर शिक्षकों के नाम सहित सभी विभागों की समय सारिणी डाउनलोड की जाएगी जिसमें लापरवाही पाये जाने पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी। 17 जुलाई से नये सत्र की शुरुआत होगी। नए कुलपति प्रो. एसपी सिंह के कार्यकाल का यह पहला नया सत्र होगा। उनकी कोशिश रहेगी कि पहले ही दिन से कक्षाएं अपने समय पर बिना किसी व्यवधान के चलें, यही वजह है की इसकी मॉनीटरिंग वह खुद करेंगे।
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17 जुलाई तक मिल जाएंगे प्रवेश पत्र
- लविवि वीसी ने बताया अभी तक विभाग अपना नयी समय सारिणी नोटिस बोर्ड पर लगाते रहे हैं।
- लेकिन इस बार यह 17 जुलाई से पहले लखनऊ विवि की वेबसाइट पर होंगी।
- कौन सी क्लास किस टीचर को लेनी है, यह भी बताया जाएगा।
- विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर पहले ही दिन से कक्षाओं में शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाए।
- इस दौरान वह सभी विभागों की तैयार समय सारिणी भी मांगेंगे।
- प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि स्नातक प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को 17 जुलाई को उनके प्रवेश पत्र मिल जाएंगे।
- अगर समय-सारणी भी वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगी तो छात्रों को भटकना नहीं पड़ेगा।
- लविवि प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय का कहना है कि हेल्थ कार्ड व अन्य औपचारिकताएं भी प्रक्रिया में हैं ताकि किसी भी सुविधा के लिए छात्रों को इंतजार न करना पड़े।
नहीं लगेगी बायोमैट्रिक उपस्थिति
- नए सत्र से बायोमैट्रिक उपस्थिति की बात हुई थी। लेकिन फिलहाल यह व्यवस्था संभव नहीं है।
- कुलपति का कहना है कि परिसर में लगभग 25 हजार छात्र हैं।
- अगर सबकी बायोमैट्रिक उपस्थिति ली जाएगी तो प्रतिदिन 25 हजार का डाटा सहेजना होगा।
- जिसकी व्यवस्था फिलहाल विवि प्रशासन के पास नहीं है।
- इसके लिए शासन से बजट मिले और एक पूरा सेक्शन इसी के लिए बनाया जाए तो ही यह व्यवहारिक रूप से संभव है।
छात्रावास से पहले मेस होगी शुरू
- लखनऊ विवि के छात्रावास का विवादों से गहरा नाता है।
- इन विवादों के निपटारे का एक रास्ता सेंट्रल मेस के रूप में निकाला गया जो बनकर तैयार है।
- कुलपति ने बताया कि नए सत्र में छात्रावास शुरू होने से पहले सेंट्रल मेस शुरू हो जाएगी।
- 20 जुलाई तक इसका उद्घाटन कर दिया जाए। मेस में बायोमैट्रिक उपस्थिति भी होगी।
ये कमियां अब भी हैं बरकरार
- पूरे परिसर में कहीं भी शौचालय नहीं है।
- शुद्ध पानी परिसर में दो-चार जगह ही उपलब्ध है।
- वूमेन ग्रीवांस सेल को एक्टिवेट करने की योजना नहीं है।
- परिसर व छात्रावासों में कैमरे लगाने का काम भी अधूरा है।
- विवि की डिस्पेंसरी भी अव्यवस्थित है।
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