विकास भवन में साल 2012-13 में शुरू हुआ लिफ्ट लगाने का कार्य ढाई साल बीतने के बाद भी अब तक पूरा नहीं हो सका है। इसकी वजह योजना के लिए प्रस्तावित दूसरी किस्त का जारी न होना है। यह लिफ्ट केंद्र की पुरोनिधानित सुविधा के अंतर्गत लगवाई जा रही थी।
नहीं आई योजना के लिए प्रस्तावित धनराशि:
- योजना के लिए कुल 72 लाख रुपये दिए जाने थे, जिसमें से अब तक सिर्फ 12.46 लाख रुपये ही दिए गए हैं। शेष धनराशि न मिलने से लिफ्ट का कार्य अधूरा पड़ा है।
- चार मंजिला विकास भवन की इमारत में आए दिन बुजुर्गों व महिलाओं का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में दूसरी व तीसरी मंजिल पर जाने के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसमें आवेदकों के अलावा विकास भवन के कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनके घुटनों में दिक्कत है।
- विभाग की ओर से बताया गया कि लिफ्ट में 72 का खर्च आना था। इसके एवज में विकलांग कल्याण विभाग की ओर से 12.46 लाख रुपये बतौर पहली किस्त आवंटित की गई।
- बाकी के 27 लाख रुपये की दूसरी किस्त का विकास भवन इंतजार ही करता रहा। वहीं विकास भवन की ओर से 22जुलाई 2013 से अब तक कई रिमाइंडर विकलांग कल्याण विभाग को भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक न ही किस्त आई और न ही कोई जवाब मिला।
इन्हें होती परेशानी:
- विकास भवन में प्रथम, द्वितीय व तृतीय तल पर आर्थिक रूप से कमजोर लाभर्थियों को पेंशन, शादी व अन्य विकास कार्यों के लिए आए दिन जाना होता है।
- हालांकि कई योजनाएं ऑनलाइन हो गईं हैं, लेकिन जिन्हें इनकी जानकारी नहीं उनके लिए चिंता का विषय।
अधिकारी कहते है कि रिमांइडर भेजा जा चुका है। राशि आवंटित होते ही अविलंब कार्य शुरू कराया जाएगा।
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Divyang Dixit
Journalist, Listener, Mother nature's son, progressive rock lover, Pedestrian, Proud Vegan, व्यंग्यकार