बीते एक साल से रामगांव इलाके में खौफ की वजह बनी मादा तेंदुआ आज फ़िल्मी स्टाइल में वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गई। बता दें कि शुक्रवार को इसका एक बच्चा पिंजरे में कैद हुआ था। अब मां और उसके बच्चे को लखनऊ के वाजिद अली प्राणिउद्यान (चिड़ियाघर) में लाया गया है। (Female leopard caught)
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- इस मादा तेंदुए के पकड़े जाने से जहां इलाके के लोगों में सुकून है वहीं अभी एक तेंदुए के आज़ाद रहने का डर भी बरकरार है।
- हालाकिं वन विभाग की टीमें अभी भी इलाके में कॉम्बिंग कर रही हैं और उस एक तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही हैं। (Female leopard caught)
- लेकिन फिलहाल जो सबसे खतरनाक मादा तेंदुआ थी उसके पकड़े जाने से विभाग और इलाके के लोग राहत की सांस ले रहे हैं।
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दो मासूम सहित कई पशुओं को बना चुके थे निवाला
- गौरतलब है कि 15 महीने पहले 8 साल के मासूम संजय को निवाला बनाने वाली मादा तेंदुआ शनिवार को वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गयी।
- आपको बता दें कि इस इलाके में बीते एक साल से एक मादा और एक नर और दो शावकों के होने से काफी दहशत बानी हुई थी।
- ये तेंदुए अभी तक दो मासूम बच्चों को अपना निवाला बना चुके हैं।
- जबकि दर्जनों जानवर इनका शिकार बन चुके हैं।
- शुक्रवार को गांववालों ने एक तेंदुए के बच्चे के गांव में आ जाने की सूचना विभाग को दी थी।
- जिस पर विभाग टीम ने पहुच कर उस बच्चे को पकड़ लिया था और मादा को पकड़ने के लिए पिंजरे लगा दिए थे।
- वहीं 3 महीने नर तेंदुए को पकड़ा जा चुका है।
- जिससे अब बस एक शावक ही आज़ाद घूम रहा है जिसे पकड़ने के लिए कॉम्बिंग जारी है।
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लखनऊ मां सहित लाया गया तेंदुए का बच्चा
- नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लखनऊ के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि 14 अक्टूबर 2017 को प्रातः 5: 30 बजे ग्राम- रेहुआ मंसूर, थाना- राम गांव, तहसील- महसी, जिला- बहराइच में पूर्व में लगाये गये पिंजड़े में एक मादा तेंदुआ पकड़ी गयी थी।
- उस मादा तेंदुआ को लगभग 3:30 बजे नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ मेें बहराइच के स्टाफ द्वारा पहुंचाया गया। (Female leopard caught)
- उन्होंने बताया कि यह मादा तेंदुआ लगभग उसी स्थान से पकड़ी गयी है जहां से 13 अक्टूबर 2017 को एक तेंदुआ शावक प्राणि उद्यान, लखनऊ लाया गया था।
- वर्तमान में मादा तेंदुआ के सिर पर ऊपरी सतह पर कुछ मामूली चोटें भी आयी हैं।
- जिसका इलाज प्राणि उद्यान के चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है।
- पूर्व में लाया गया तेंदुआ शवक भी चिकित्सकों की देखरेख में प्राणि के पशु चिकित्सालय में रखा है।