अपना दल ने कहा कि एनडीए सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी का 4 साल का शासन अच्छे दिनो के बजाए बुरे दिनों का अहसास कराया। 4 साल में बीजेपी सरकार ने जुमलो और शिगूफों से लोंगो का मानसिक शोषण किया। दल के प्रवक्ता एडवोकेट आरबी सिंह पटेल ने अपने एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार का 4 साल का शासन जन विरोधी रहा। कमरतोड़ महंगाई ने लोंगो का जीना हराम कर दिया, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने से किसान भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ। सिचाई के लिए सर्वाधिक डीजल का प्रयोग किसान करता है। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र और बड़ी रैलियों में अच्छे दिन लाने की बात कही, धर्म का मुद्दा भी उठाते रहे। गंगा सफाई के मामले में आज भी गंगा एक इंच भी साफ नही हुई, सैकड़ो करोड़ों रुपया खप गया, मोदी ने कहा था गंगा ने मुझे बुलाया है वही गंगा स्वच्छता के लिए रो रही है।
मेक इन इंडिया का सेर सुस्त हो गया है। प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वायदा खोखला साबित हो गया। मोदी लगभग 80 देशों के भ्रमण में लगभग हजार करोड रुपया खर्च किये है। कोई भी इन्वेस्टर उद्योग लगाने के लिए भारत नहीं आया। यही कारण है बेरोजगारी की दर 2018 में 6.23 फीसदी यानी पहले से दोगुनी बढ़ गई है। मोदी सरकार में रोजगार नहीं है। बेरोजगारों की फौज बढ़ती जा रही है। सरकार के सभी दावे खोखले साबित हो रहे है। तब भी सरकार अहंकार में डूबी है।
मौसम की मार से किसानों की बर्बादी और बढ़ता कर्ज का बोझ किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। कर्ज के बोझ से दबी किसानों ने 4 साल के अंतराल में हजारों किसानों ने आत्म हत्या की है। फसल बीमा से भी किसान त्रस्त और बीमा कंपनी मस्त है। केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात कही और कर्ज माफी की बात कही। यह सब शिगुफा साबित हुआ। आज भी किसानों को उत्पादन का लाभकारी मूल्य नहीं मिल पा रहा है। समर्थन मूल्य का डेढ़ गुना देने की बात खोखली साबित हुई।
कश्मीर में सैनिकों का मनोबल को घटाया गया, पथरबाजों के सामने सरकार असहाय बनी रही, उग्रवाद बढ़ा। पूर्व की सरकार की अपेक्षा वर्तमान में सेना के जवान अधिक शहीद हुए। विदेश नीति बीजेपी की फेल साबित हुई। चीन, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में जमीन को लेकर तनाव पैदा रहा। मोदी सरकार की कोई भी योजना जमीन पर नहीं उतरी। नोटबन्दी से मध्यम वर्गीय किसान और मजदुरों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। मझोले और छोटे कारखाने बंद हो गए और नौजवान भी बेरोजगार हो गए। मोदी सरकार का 4 साल का शासन बुरे दिनों की पहचान कर गया और कांग्रेस सरकार की बहुददेशिय योजनाओं का अंगीकार करना पड़ा जिसका बीजेपी विरोध करती थी।