2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सियासी बिसातें बिछना शुरू हो गयी है। उत्तर प्रदेश में धुर-विरोधी सपा और बसपा के साथ आ जाने से भाजपा की मुश्किलें कुछ बढ़ गयी हैं। इसके अलावा इस गठबंधन में कांग्रेस के भी शामिल होने की खबरें आ रही हैं। हालाँकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आसिम आजमी ने भी कांग्रेस के साथ गठबंधन का खुलकर विरोध किया है। यही कारण है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के लिए वोट मांगने से किनारा कर लिया है। लखनऊ में एक कार्यक्रम में पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से अपने रिश्ते और गठबंधन के नेता पर खुलकर बात की।
कांग्रेस से अच्छे रहेंगे संबंध :
लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मंच से लोगो को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में कहते हैं कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है, वह ईद नहीं मनाते हैं। ऐसा है तो हमें भी अपने पिछड़ा हिंदू होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि यूपी के क्षेत्रीय दल भाजपा को केंद्र में सत्ता में आने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। अगर पिछले चुनाव में भाजपा को यूपी से 70+ सीटें न मिलती तो आज केंद्र सरकार में वह न होती। कांग्रेस पर उन्होंने कहा कि गठबंधन चाहे हो या न हो लेकिन कांग्रेस से संबंध हमेशा अच्छे बने रहेंगे। इसके साथ ही नेता पर उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद सभी पार्टियां मिलकर नेता का चयन कर लेंगी।
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भाजपा पर बोला हमला :
कार्यक्रम में बोलते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश की जनता भाजपा से उनके चुनावी वादों का हिसाब चाहती है। यूपी के 2 उपचुनाव के नतीजों से भाजपा नेता घबरा गए हैं। मुख्यमंत्री जी ने हमें सांप-छछूंदर कहा तो उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष 2 कदम आगे कुत्ता-बिल्ली तक पहुंच गए। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं, मलिहाबाद में दशहरी आम बहुत पैदा होता है। उसे बाजार मिल जाए तो किसानों का भाग्य बदल जाए। मगर जब हमारी सरकार एक्सप्रेस-वे के किनारे आम मंडी बनाना चाहती थी तो काम क्यों रोक दिया। गंगा नदी की सफाई हुई कि नहीं पता नहीं मगर हमने गोमती साफ करके दिखाई।