चाइल्ड लाइन की टीम ने भीख मांगने वाले गिरोह को पकड़ा है। गिरोह में छोटे लड़कों को लड़की का भेष बनाकर भीख मांगने के लिए भेजा जाता था। टीम ने हाईकोर्ट, इन्दिरागांधी प्रतिष्ठान और पॉलीटेक्निक चौराहे से भीख मांगने वाले 15 बच्चों और दो महिलाओं को पकड़ा है। सभी बच्चों को अलग-अलग बालगृह भेजा जाएगा। दोनों महिलाओं को पुलिस के सुपुर्द करने के निर्देश दिए हैं। गिरोह का सरगना बब्बन फरार है।
इस टीम ने किया रेस्क्यू
चाइल्ड लाइन की टीम ने गोमती नगर हाईकोर्ट चौराहा व ट्रांसगोमती के प्रमुख इलाके में भीख मांगने वाले बच्चों और दो महिला मेम व रजिया को दो दुधमुंहों के साथ पकड़ा है। साथ ही 14 वर्ष से कम उम्र तक के 15 बच्चों को पकड़ा है इनमें लड़के-लड़की दोनों शामिल हैं। रेस्क्यू में चाइल्ड लाइन, डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट, प्रथम संस्था, बचपन बचाओ आंदोलन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, स्पेशन जुवेनाइल पुलिस यूनिट के सदस्य रहे।
भीख मांगने की दी जाती है ट्रेनिंग
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य संगीता शर्मा और विनय श्रीवास्तव ने बताया कि ये बच्चे कभी स्कूल नहीं गए। पढ़-लिख नहीं सकते। इनकी उम्र 10 से 14 वर्ष के बीच है। लेकिन मानवीय संवेदनाओं का कैसे फायदा उठाया जाता है। भीख मांगने के क्या तरीके हैं।उन्हें पूरी क्लास लगाकर ट्रेनिंग दी जाती है। यही वजह है कि दो लड़कों को लड़की के भेष में भीख मंगवायी जा रही थी। पकड़ी गई महिलाओं और बच्चों ने कबूला कि लड़कियों के प्रति लोगों की खासी संवेदना होती है।
महिला एसओ को लगाई फटकार
सीडब्ल्यूसी की सदस्य संगीता ने महिला थाने की एसओ को कॉल करके प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह शिशु में पुलिस टीम भेजने को कहा। महिला एसओ ने मोबाइल पर अभद्र लहजे से बात करते हुए आरोपी महिलाओं को आशा ज्योति केंद्र भेजने और मौके पर पुलिस न पहुंच पाने की बात कही। इस पर सदस्य ने महिला एसओ को फटकार लगाई।
सड़क हादसे का रहता है खतरा, काफी दिन बाद मिली कामयाबी
इस संबंध में यातायात पुलिस उप निरीक्षक प्रेम शंकर शाही ने बताया कि सड़क दुर्घटना के सबसे आसान शिकार सड़क पर भीख मांगते बच्चे हैं। लखनऊ के विभिन्न चौराहों हजरतगंज, पालीटेक्निक, आईजीपी,1090 आदि पर यह बच्चे भीख मांगते सहज देखे जा सकते हैं।यह क्यों भीख मांगते, कौन मंगवाता, इनके पुनर्वास के लिए क्या उपाय किये जाय यह दैत्य प्रश्न है। पिछले दो महीनों से इंदिरागांधी प्रतिष्ठान चौराहे पर भीख मांगने वाले बच्चों को डायल 100 और विभूति खण्ड पुलिस की मद्दत से इन बच्चों को सड़क से हटाने का प्रयास कर रहा था।
बार बार भगाने के बावजूद भी यह पुनः सड़क पर आ जाते थे। स्थायी इलाज के लिए शहर के कई अनाथालय संचालकों से सपर्क किया, सफलता नही मिली। डायल 100 के इंसपेक्टर संजय वर्मा से मदद मांगी, उन्होंने कई सम्पर्क सूत्र दिए। आखिर शनिवार को महिला एवं बल विकास मंत्रालय के प्रोजेक्ट चाइल्ड लाइन की मदद मिली, जिनकी सहायत से लगभग 36 बच्चो को बाल सुधार एवं बाल सरंक्षण गृह भेजवाया गया।