उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार और केन्द्र में मोदी की सरकार है। इसके बावजूद गोरखपुर और फूलपुर में चुनाव हार जाना जनता द्वारा दिया गया संकेत है। इस संकेत में कहीं ना कहीं भाजपा सरकार के प्रति लोगों में असंतुष्टि दिखाई दे रही है। इस उपचुनाव में हार पर योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि भाजपा का अति आत्मविश्वास उपचुनाव में हार का कारण बना है। यूपी उपचुनाव के नतीजों पर योगी आदित्यनाथ ने भाजपा की हार स्वीकार की है।

बता दें कि यूपी में गोरखपुर और फूलपुर दोनों ही लोकसभा सीटें बेहद खास थीं क्योंकि योगी आदित्यनाथ की पारंपरिक सीट गोरखपुर है तो दूसरी भी यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की थी। इस हार के बाद भाजपा में हाहाकार मच गया है। वहीं भाजपा कार्यकर्ता मायूस हो गए हैं। इस हार की समीक्षा करने की बात की जा रही है। राजनीति विशेषज्ञ इस हार को 2019 के चुनाव जोड़कर देख रहे है तथा समीक्षा कर रहे हैं कि आखिर रणनीति में कहा से कमी आ गई। भाजपा का यह अतिउत्साह 2019 के लोकसभा के चुनाव के लिए भारी पड़ सकता है। राजनीति गलियारों में इसकी चर्चा जोरों शोरों से चल रही है।

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सपा-बसपा कार्यालय पर जश्न, भाजपा के दफ्तर में सन्नाटा

सुबह का सूरज जैसे-जैसे चढ़ रहा था वैसे-वैसे सपा व बसपा कार्यकताओं के चेहरे खिल रहे थे। भारी जीत को ओर तेजी से बढ़त हासिल कर रही सपा की जीत सुनते ही पार्टी कार्यकर्ता जश्न में डूब गए और लखनऊ में पार्टी कार्यालय से लेकर पूरे यूपी में जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने पटाखे दागे तथा एक दूसरे के गले में फूल माला डालकर खुशी का इजहार किया। जबकि भाजपा कार्यालय पर पसरा रहा सन्नाटा गोरखपुर सदर व फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में तय था कि पूर्व की तरह भाजपा के अलावा किसी अन्य दल की इस बार भी नहीं चलेगी, लेकिन ठीक इसके उल्टा हुआ। दोनों सीटों से भारी जीत दर्ज कर समाजवादी पार्टी के पक्ष में जिस तरह से परिणाम सामने आए हैं, उससे सत्ता के गलियारें में रहकर बड़े-बड़े राजनीतिक धुरधरों के पेशानी पर बल साफ दिखाई पड़ रहे हैं।

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