मेरठ की खिलाड़ी प्रिया सिंह ने जर्मनी में होने वाले अंतराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन के जूनियर विश्व कप में 50 मीटर राइफल प्रोन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए सीएम योगी को खत लिख कर वित्तीय सहायता मांगी थी.जिसके बाद सीएम योगी ने तत्काल इस पर कार्रवाई करते हुए शूटर प्रिया की मदद की घोषणा कर दी हैं.
सीएम योगी ने किया वित्तीय सहायता की घोषणा:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज खिलाड़ी प्रिया सिंह को साढ़े चार लाख की वित्तीय सहायता की मंजूरी दे दी हैं. इसके अलावा उन्होंने मेरठ जिला अधिकारी को खिलाड़ी को जर्मनी भिजवाने में लगने वाले खर्च की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
सीएम योगी ने आज 19 साल की महिला शूटर के खत का जवाब देते हुए कहा कि “जैसे ही मुझे इसके बारे में पता चला, मैंने तुरंत राज्य सरकार द्वारा 4.5 लाख रुपये की राशि को मंजूरी दे दी।”
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि “मेरठ जिला मजिस्ट्रेट से खिलाड़ी के वाहन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
प्रिया सिंह ने लिखा था मदद के लिए खत:
गौरतलब है कि सीएम योगी का ये फैसला प्रिया सिंह के खत के बाद आया. 22 जून से जर्मनी के सुहल में अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (आईएसएसएफ) जूनियर विश्व कप में 50 मीटर राइफल प्रोन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए 19 वर्षीय प्रिया सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी को पत्र लिख कर अपनी जर्मन यात्रा और आवास के लिए आवश्यक धनराशि की सहायता के लिए अनुरोध किया.
प्रिया सिंह ने कहा कि, “मैं प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं लेकिन मुझे बताया गया है कि मुझे 3-4 लाख रुपये की आवश्यकता होगी। मेरे पिता एक मजदूर हैं। वह अपनी पूरी कोशिश कर रहे है लेकिन धन की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है।”
खिलाड़ी ने बताया कि उसने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और पीएम मोदी को वित्तीय सहायता के लिए खत लिखा हैं. मैं स्पोर्ट्स मिन में भी दो बार गई लेकिन उनसे मुलाकात नहीं कर सकी.”
प्रथम 3 खिलाडियों को मिलती हैं वित्तीय सहायता:
बता दें कि इस प्रतियोगिता के लिए 6 खिलाडियों का चयन हुआ है, प्रिया इन 6 खिलाडियों में से एक हैं और चौथे स्थानं पर आई हैं. जो उनकी सबसे बड़ी कमी बन गयी हैं. क्योंकि सरकार सिर्फ प्रथम 3 खिलाडियों को ही आर्थिक सहायता देती हैं और चौथे स्थान पर आने की वजह से प्रिया इससे वंचित रह गयी.
लेकिन सीएम योगी के इस फैसले के बाद अब युवा महिला शूटर को अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए पंख मिल गये हैं.