उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंदिरा भवन में आरक्षी पुलिस प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश, ADG LO आनंद कुमार, एडीजी लखनऊ राजीव कृष्णा समेत तमाम पुलिस के आला अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यूपी पुलिस से जुड़े हुए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई देता हूँ, प्रदेश की छवि को बदलने में पुलिस की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में 1 लाख 60 हजार रिक्तियां हैं इसके बाद भी पुलिस ने काफी अच्छा काम किया है। साइबर क्राइम, इंट्रोग्राशेन का इस बार विषय बढ़ाया गया है। पुलिस के व्यवहार के लिए भी विशेष विषय रखा गया है। प्रदेश में 1,29,000 रिक्तियों को वर्ष के अंत तक लगभग पूर्ति कर दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि सभी नए प्रशिक्षु सही ढंग से ट्रेनिंग लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सबके लिए प्रसन्नता का समय है कि आज प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारभ 29 जगहों पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से पुलिस की रिक्तियां खाली पड़ी थीं। जिसकी वजह से आम जन की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। उन्होंने यह भी बताया की कहा कि जब हमने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली थी। तब आम जन में असुरक्षा का भाव था लेकिन आज पुलिस बल के प्रयास से एक वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश की इस छवि को इसी पुलिस ने बदलने में बड़ा काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था अच्छे राज्यों की तरह है। लेकिन आज भी पुलिस बल उत्तर प्रदेश में कम है। उन्होंने ने कहा कि आज का कार्यक्रम इसलिए महवपूर्ण है क्योंकि अभी भी 160000 से ज्यादा रिक्तियां है। इनको पूरा करने के लिए जो काम पुलिस बल ने किया है यह भर्ती बहुत पहले होनी चाहिए थी। यह देश में पहली बार हो रहा है,कि प्रशिक्षण के लिए वर्चुअल क्लास का काम हो रहा है। आज उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यो में भी अपने प्रशिक्षण का काम आज से शुरू कर रहे है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त प्रशिक्षुओं को जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की मजबूती व साइबर क्राइम के लिए नए थाने व पीएससी की कंपनियों के पुनर्गठन का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि हर प्रकार की स्थिति में काम करने के लिए पुलिस को तैयार कर रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रशिक्षण कर रहे पुलिस कर्मियों को संदेश दिया कि वो अपने आप को भाग्यशाली समझे कि वो उत्तर प्रदेश पुलिस में शामिल हो रहे है। अगर फ़ोर्स में अनुसाशन नहीं है, तो वे जीवन मे कुछ नहीं कर सकते हैं।
आज की पुलिस ब्रिटश पुलिस नहीं बन सकती, आज की पुलिस को आम जनता के साथ जुड़ना होगा लेकिन जो गलत करते है, उनके लिए भय का पर्याय होने चाहिए। जीवन में सफलता के लिए सॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए। जीवन की स्थायी सफलता के लिए इसको अपनाना जरूरी हैं। प्रदेश के अंदर उद्योग लगने जा रहा है, इसका कारण सिर्फ उत्तर प्रदेश की मजबूत हो रही कानून व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोपहर में यूपी पुलिस के तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में सत्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पुलिस को जड़ता का शिकार नहीं होना चाहिए। समय के साथ बदलाव करते रहना चाहिए। आज अपराध की प्रवृत्ति और तकनीक बदली है ऐसे में पुसिल को भी अपनी कार्यशैली में बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि हमने किसी भी आतंकी घटना से निपटने के लिए एटीएस को सक्षम बनाया है। पीएसी की 54 कंपनियों को दोबारा शुरू करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। आठ जोनल में फॉरेंसिक लैब की स्थापना की जा रही है। योगी बोले कि प्रदेश में आज जो माहौल है वो टीम वर्क की देन है। देश के सबसे बड़े बल यूपी पुलिस की कड़ी मेहनत से प्रदेश की छवि बदली है।
पहली बार सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेस से ली जा रही ट्रेनिंग में मदद: डीजीपी
इस मौके पर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि सीएम के निर्देशों पर सिपाहियों की भर्ती जल्द कराई गई। पहली बार सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के लोग और सेंटर ट्रेनिंग में मदद कर रहे हैं। केरल, राजस्थान, उत्तराखंड में भी ट्रेनिंग हो रही है। इस बार ट्रेनिंग नए सिलेबस से हो रही है। कंप्यूटर साइंस, साइबर, डिजास्टर मैनेजमेंट, ट्रैफिक मैनेजमेंट ट्रेनिंग में शामिल 42 हज़ार सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। अक्टूबर तक ये भर्ती पूरी हो जाएगी। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि 34 हज़ार सिपाहियों की ट्रेनिंग आज से शुरू हो गई है। 42 हज़ार सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। 2019 के जनवरी में 35 हज़ार सिपाहियों की भर्ती आ रही है।