यूपी की राजधानी लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी की गाज जिला मुख्यालय के राजाजीपुरम क्षेत्र स्थित एक प्राइवेट अस्पताल पर गिरी है। लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यालय में तैनात अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और हॉस्पिटल्स का पंजीयन और नवीनीकरण का कार्य करने के नोडल अधिकारी ने बीती 25 जुलाई को लखनऊ के राजाजीपुरम के एफ ब्लाक स्थित राशि हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर के प्रबंधक को पत्र लिखकर चिकित्सालय का संचालन बंद करके हॉस्पिटल की चार खामियां दूर करने के बाद ही चिकित्सालय में चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करना शुरू करने का आदेश दिया है। नोडल अधिकारी ने यह आदेश राजधानी की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की शिकायत पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सईद अहमद द्वारा राशि हॉस्पिटल के स्थलीय परीक्षण के बाद दी गई रिपोर्ट के आधार पर दिया है।
एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने बताया कि डॉ. सईद ने हॉस्पिटल में साफ सफाई व्यवस्था उचित नहीं होने, बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने, चिकित्सालय के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं होने और मौके पर किसी भी चिकित्सक के मौजूद नहीं होने की अति गंभीर चार खामियां पाईं थीं। सईद ने इन चारो खामियों के निस्तारण तक हॉस्पिटल के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं करने की शिफारिश भी अपनी जांच रिपोर्ट में की थी। डॉ. सईद की जांच आख्या पर कार्यवाही के लिए जब उर्वशी ने दूसरी शिकायत भेजी तो अब सीएमओ लखनऊ के कार्यालय ने हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन को खामियां दूर करने तक हॉस्पिटल बंद रखने का आदेश दिया है।
उर्वशी शर्मा कहती हैं कि कहने को हॉस्पिटल जन सेवा के भाव के लिए खोलने की बात कही जाती है। परन्तु राजाजीपुरम के राशि हॉस्पिटल जैसे प्राइवेट हॉस्पिटलों के प्रबंधन द्वारा मात्र निजी लाभ के लिए बिना मानक पूरे किये काम करके मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने के कारण चिकित्सा जैसा पवित्र क्षेत्र दागदार हो रहा है। उर्वशी ने सीएमओ को पत्र लिखकर लखनऊ के सभी निजी अस्पतालों की जांच कराने की मांग करने की बात भी कही है।