पूरे देश में एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद सोमवार को कई जगहों पर हिंसक रूप से देखने को मिला। यूपी के लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़, आजमगढ़, कानपुर, इलाहाबाद, शाहजहांपुर, बरेली, गाजियाबाद और आगरा समेत लगभग सभी जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। कई जिलों में सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। वहीं यूपी हिंसक घटना में एक युवक की जान चली गई। बता दें कि न्यायालय के आदेश का विरोध करते हुए कई दलित संगठनों ने आज भारत बंद आहूत किया।
गृहमंत्री ने याचिका दायर करने की पुष्टि की
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को ‘कमजोर’ करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। . उन्होंने राजनीतिक पार्टियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि विरोध प्रदर्शन की आड़ में किसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम न दें। उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित करना राजनीतिक पार्टियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि कहीं भी कोई जातीय या सांप्रदायिक हिंसा न हो” उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च को अपने आदेश में कहा था कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमों में बिना जांच के किसी भी लोक सेवक को गिरफ्तार न किया जाए और सामान्य नागरिकों को भी कानून के तहत पूछताछ के बाद ही गिरफ्तार किया जाए।
प्रदेश के बड़े पुलिस अधिकारी ने सेवा से दिया त्यागपत्र
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन और कई क्षेत्रों में दलितों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से आहत होकर प्रदेश के बड़े पुलिस अधिकारी ने सेवा से त्याग पत्र दिया है। पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय में बतौर अपर पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात डॉ बीपी अशोक ने राष्ट्रपति को भेजे अपने पत्र में दलितों के वर्तमान हालात पर चिंता जाहिर की है। पत्र में दलित पुलिस अधिकारी ने लिखा कि देश में वर्तमान में ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं, जिसके कारण उन्हें हृदय से भारी आघात पहुंचा है। कुछ बिंदुओं को संज्ञान में लाकर अपने जीवन का बहुत कठोर निर्णय ले रहा हूं।
डॉ. अशोक ने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति एक्ट को कमजोर किया जा रहा है। राष्ट्रपति से संसदीय लोकतंत्र को बचाने की अपील करते हुए उन्होंने लिखा कि रुल आॅफ जज, रुल आॅफ पुलिस के स्थान पर रुल ऑफ लॉ को सम्मान प्रदान किया जाए। महिलाओं को अभीतक पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। डॉ अशोक ने कहा कि महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग को अभीतक न्यायालयों में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।
प्रोन्नतियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। श्रेणी 4 से श्रेणी 1 तक साक्षात्कार युवाओं में आक्रोश पैदा कर रहे हैं। सभी साक्षात्कार खत्म किए जाए। जाति के खिलाफ स्पष्ट कानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इन संवैधानिक मांगों को माना जाए या मेरा त्यागपत्र स्वीकार किया जाए। पूरे देश के आक्रोशित युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए डाॅ. अशोक ने कहा कि इस परिस्थिति में मुझे बार-बार यही विचार आ रह है कि अब नहीं तो कब, हम नहीं तो कौन।
कई जिलों में भेजा गया अतिरिक्त पुलिस बल
डीजीपी मुख्यालय से प्राप्त सूचना के अनुसार, हिंसा को देखते हुए पांच कंपनी पीएसी और चार कंपनी RAF अतिरिक्त तैनात की गई है। मेरठ, हापुड़, आगरा और गाजियाबाद में रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त कंपनी तैनात की गई है। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए पांच कंपनी पीएसी भी संवेदनशील जिलों को भेजी गई है। प्रदेश के मेरठ और आगरा जोन में सर्वाधिक आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाएं हुई हैं।
एक की मौत की एडीजी ने की पुष्टि
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि इस हिंसक प्रदर्शन में नई उम्र के लड़के सामने आये हैं। ऐसे युवाओं पर कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके स्थिति को काबू में कर लिया है। एडीजी ने इस हिंसक घटना में एक युवक के मारे जाने की कथित तौर पर पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मेरठ, हापुड़, आगरा, मुजफ्फरनगर नोएडा सहित सभी जिलों में स्थति काबू में है। पुलिस स्थिति को लगातार नियंत्रण कर कार्रवाई कर रही है।
पुलिस का सहयोग करे जनता: डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर
डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद सोमवार को कई जगहों पर हिंसक रूप से देखने को मिला। यूपी के लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़, आजमगढ़, कानपुर, इलाहाबाद, शाहजहांपुर, बरेली, गाजियाबाद और आगरा समेत लगभग सभी जिलों में हालात काबू में हैं। जिन जगहों पर हालात काबू करने में दिक्कत हो रही थी उन जिलों में पुलिस को जनता के बीच तालमेल बनाए के लिए पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए गए हैं।
लखनऊ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन: एसएसपी
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि हजरतगंज में एससी-एससी एक्ट के बदलाव के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को उन्होंने समझाया। एसएसपी ने बताया कि हजरतगंज के गांधी प्रतिमा पर हजारों की तादात में प्रदर्शनकारी पहुंचे थे। प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन की तनावपूर्ण स्थिति देखते हुये फायर ब्रिगेड को भी मौके पर बुलाया गया। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक के रखा था। सभी प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, लखनऊ में कोई उग्र प्रदर्शन नहीं हुआ।
पुलिस पर हमले के बाद लाठीचार्ज
यहां कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के शोभापुर में उग्र प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पलटवार करते हुए घर में घुसकर लाठीचार्ज किया। पुलिस सड़कों पर उपद्रवियों को दौड़ादौड़कर पीटा। इससे पहले उपद्रवियों ने पुलिस और पत्रकारों पर पथराव कर उन्हें पीट दिया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उपद्रवियों ने घरों में छिपे बैठे बावलियों को निकालकर गिरफ्तार किया। वहीं नाराज दलित समुदाय के प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस चौकी में आग लगाने की भी खबर है। उपद्रवियों ने एक पेट्रोलपंप पर भी जमकर तोड़फोड़ की। इससे वहां भगदड़ मच गई।
एक उपद्रवी को गोली लगी
मेरठ कचहरी में हँगामा करने के बाद प्रदर्शन करते हुए उपद्रवी अंदर घुस गए यहां उन्होंने तोड़फोड़ की। इस दौरान फायरिंग की भी सूचना है। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। खबरों के अनुसार, हंगामे के दौरान एक युवक के गोली लग गई। मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में उत्पाद मचा रहे युवक के गोली लगने की खबर से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसे दिल्ली रेफर किया गया है। सोशल मीडिया पर वॉयरल सन्देश के मुताबिक, इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। हालांकि इस संबंध में आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं हुई है।
आजमगढ़ में रोडवेज बस में आगजनी
आजमगढ़ में उपद्रवियों ने सड़कों पर उतरकर रोडवेज की कई बसों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना से यात्रियों में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद भारी संख्या में पुलिस बल और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक लाखों की संपत्ति खाक हो गई।
हापुड़ में वाहनों के आगजनी से हड़कंप
SC-ST को लेकर दलितों का विरोध प्रदर्शन यूपी के कई जिलों में हिंसक रूप से देखने को मिला। हापुड़ में प्रदर्शनकारियों ने खड़े वाहनों में आग लगा दी। इसके अलावा कई वाहनों और कार्यालयों में भी तोड़फोड़ की गई। तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात की है।
आगरा में प्रदर्शनकारियों ने रोकी कई ट्रेनें, पुलिस पत्रकारों पर हमला
खबरों के अनुसार, आगरा में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से दिल्ली-झांसी रेलवे मार्ग पर कई ट्रेन प्रभावित हुई। मेरठ में भी दलितों ने प्रदर्शन के दौरान बसों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बवाल करते हुए पुलिस और पत्रकारों पर भी हमला कर दिया। हमले की सूचना पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है कर दिया गया है।
गाजियाबाद में रेलवे संचालन प्रभावित
गाजियाबाद में रेलवे फटकी पर जाम के कारण ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। दलित संगठन से जुडे लोग जगह जगह इक्ठ्ठे होना शुरू भी गए हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ तथा आगरा व मैनपुरी में दलित संगठन से जुड़े लोग सड़क पर उतर आए हैं। कई जगह पर प्रदर्शनकारी ट्रेन के सामने खड़े हो गए हैं। एससी-एसटी एक्ट पर फैसले का आगरा में भी कई संगठनों ने काफी विरोध किया है।
ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में एससी/एसटी एक्ट 1989 में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला किया था। कोर्ट ने कहा था कि एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच हो। कोर्ट ने कहा था कि केस दर्ज करने से पहले डीएसपी स्तर का अधिकारी पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करेगा और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि कुछ मामलों में आरोपी को अग्रिम ज़मानत भी मिल सकती है।