सावन के पहले सोमवार पर देर रात से ही हुई मूसलाधार बारिश शिव भक्तों का हौसला नहीं डिगा पाई। सुबह तड़के से हो रही बारिश ने समय बढऩे के साथ अपनी गति तेज कर दी। इसके बाद भी आज बड़ी संख्या में शिव भक्त आज शिवालयों में जलाभिषेक करने उमड़े। सावन के पहले सोमवार को आज प्रदेश में झमाझम बारिश के बीच मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजे। वाराणसी के साथ ही इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर, लखीमपुर, कानपुर, लखनऊ, गोंडा तथा प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में सावन के पहले सोमवार को बड़ी संख्या में भक्त मंदिरों में उमड़ पड़े।
सावन के पहले सोमवार को लखनऊ के शिवालयों में आज शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से हो रही बारिश पर भी आस्था भारी पड़ी और जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। शिव भक्तों नें शिव मंदिरों समेत पौराणिक कष्टहर्ता दु:खहरणनाथ और पृथ्वीनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर पुण्य कमाया। गोंडा और आसपास के जनपदों से आये श्रद्धालुओं ने महादेव का हर मंदिर में जलाभिषेक कर पुण्य कमाया। वहीं कानपुर में बाबा आनंदेश्वर मंदिर में भी बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक करने उमड़े।
बागपत में सावन के पहले सोमवार को ऐतिहासिक पुरा महादेव मंदिर में लोगों ने बड़ी संख्या में जलाभिषेक किया। सोनभद्र में आज तड़के से ही शिवद्वार मंदिर में दर्शन के कांवरिए कतारबद्ध थे। इलाहाबाद में आज मनकामेश्वर मंदिर के साथ ही हनुमत निकेतन में शिवालय में लोग लाइन में लगकर जलाभिषेक कर रहे थे। दशाश्वमेध घाट की सीढिय़ों से लेकर यहां के चितरंजन पार्क के शिविर तक कांवरियों की भीड़ के चलते तिल रखने की जगह नहीं थी। पहले सावन पर जलाभिषेक के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
वाराणसी में आज श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन को आतुर लोग कल रात से ही लाइन में लगे थे। इसी बीच आज यहां पर यादव बंधु ने श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाअभिषेक किया। वाराणसी में सावन के पहले सोमवार को देवाधिदेव महादेव के जलाभिषेक के लिए भोले भक्तों की लंबी कतार लगी है। बैरीकेडिंग में हजारों भक्त लेट कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं तो जगह-जगह बोल बम के जयकारे गूंज रहे हैं। विश्वनाथ मंदिर जाने वाली गलियों, सड़कों पर रविवार दोपहर ही केसरिया रंग चढ़ गया था। बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने कांवरियों के जत्थे का वाराणसी पहुंचने का सिलसिला रविवार देर रात तक जारी रहा।
बाबा को जल चढ़ाने के लिए काशी आने वाले रास्ते कांवरियों के बोल-बम के जयकारों से गूंज उठे। मंदिर की ओर जाने वाले हर रास्ते पर केसरिया वस्त्रों में कांवरियों का जत्था नजर आ रहा था। कल देर रात तक भारी संख्या में कांवरियों ने बैरीकेडिंग में लाइन लगा ली और पूरी रात लाइन में ही गुजारी। सुबह से बाबा विश्वनाथ के दरबार में कांवरियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। कांवर लेकर काशी पहुंचे कांवरियों ने पहले गंगा में डुबकी लगाई फिर वहां से जल लेकर बाबा दरबार पहुंचे। शाम होते ही कांवरियों की संख्या बढ़ गई। लक्सा से लेकर छत्ताद्वार और छत्ताद्वार से चौक तक कांवरियों के लिए बैरिकेडिंग की गई है। इसके साथ ही शहर में लगभग 10 से अधिक स्थानों पर कांवरिया शिविर में शुरू हो गए।
सावन के सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के वीआईपी दर्शन के लिए केवल दो घंटे का समय दिया गया। शनिवार को मंदिर में हुई अव्यवस्था के बाद जिला प्रशासन ने वीआईपी दर्शन के लिए शाम चार से छह बजे तक का समय निर्धारित किया है। वीआईपी दर्शन के नाम पर पूर्व में भी कई बार शिकायतें मिल चुकी थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने मंदिर प्रशासन को यह निर्देश जारी किया है। डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया आम दर्शनार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वीआईपी दर्शन का समय शाम 4 से छह बजे तक निर्धारित किया गया है। इसके अलावा किसी भी तरह का वीआईपी दर्शन नहीं कराया जाएगा।
मंदिर प्रशासन को यह निर्देश दिया गया है कि वह श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखें। इलाहाबाद से वाया बाइपास और गाजीपुर की ओर से वाया आशापुर, सारनाथ व पांडेयपुर होते हुए कांवरियों का जत्था काशी पहुंचने लगा था। गोदौलिया से लेकर दशाश्वमेघ घाट और कांवरिया शिविर कांवरियों से पट गए। विश्वनाथ मंदिर के अलावा मृत्यंजय महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव,गौरी केदारेश्वर महादेव, गौतमेश्वर महादेव, अहिलेश्वर महादेव, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर, शूलटंकेश्वर महादेव समेत प्रमुख शिवालयों में दर्शन पूजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।