सपा के कद्दावर नेता आज़म खान की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं. एक तरफ जहाँ 2017 में रामपुर में भारतीय सेना पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में प्रदेश सरकार ने उनके मुक़दमा चलाने की अनुमति दी है तो वही अब आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जांच शुरू कर दी है.

नोटेबंदी से जुड़ा है पूरा मामला:

कांग्रेस नेता फैज़ल लाला ने 2016 में महामहिम राज्यपाल को एक शिकायती पत्र भेज कर शिकायत की थी कि समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान ने जौहर यूनिवर्सिटी के पास बनी ज़िला सहकारी बैंक की शाखा से नोटबन्दी के समय करेंसी एक्सचेंज कर अपना काला धन सफेद किया था. साथ ही यह भी शिकायत की गई थी कि आजम खान ने अपनी विधायक निधि, अपनी सांसद पत्नी तंजीम फातिमा की सांसद निधि और सांसद मुनव्वर सलीम की सांसद का अस्सी प्रतिशत पैसा जौहर यूनिवर्सिटी में लगाया है. अब इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल महोदय की सिफारिश पर अब इनकम टैक्स विभाग ने इन आरोपों की जांच शुरू कर दी है.

आयकर विभाग का क्या कहना है?:

आयकर उप निदेशक (जांच) एम के पाण्डेय ने फैज़ल लाला को पत्र भेजकर उनसे कहा कि उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच आयकर विभाग द्वारा की जा रही है साथ ही आयकर विभाग ने उनसे ये अनुरोध भी किया है की अगर इन आरोपो से सम्बंधित और दस्तावेज उनके पास हैं तो वो आयकर विभाग को उपलब्ध कराए ताकि जल्द से जल्द जांच पूरी की जा सके.

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