फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली है। इन उपचुनावों में सपा को बसपा सहित कई अन्य दलों ने समर्थन किया था। इस जीत से खुश सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन बनाने की तैयारियों में लग गये हैं। इसके लिए देश के एक बड़े नेता से मिलने के लिए अखिलेश ने सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा को भेजा है जिसके बाद से सभी दलों में हड़कंप मच गया है।

उपचुनावों से मिली संजीवनी :

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव से विपक्ष को अपनी ताकत का एहसास हो गया है। वह जानता है कि अगर हम एकजुट हो जाएँ तो निश्चित तौर पर भाजपा को हराया जा सकता है। इन उपचुनावों में सपा को मिले अन्य पार्टियों के समर्थन को 2019 के पहले की तैयारी माना जा रहा है। किसी ने सोचा भी नहीं था कि कभी भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन हो सकता है। इनके साथ आने से ये संदेश जाता है कि भाजपा को हराने के लिए विपक्षी कुछ भी कर सकते हैं। इसके लिए अपने जानी दुश्मन से हाथ भी मिलाना पड़ा, तो वो भी कर लेंगे।

 

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लालू से मिलेंगे सपा नेता :

2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के सामने एक मजबूत चुनौती रखने के लिए विपक्षी दलों ने एकजुट होना शुरू कर दिया है। इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना संदेश लेकर पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा को बिहार के पूर्व सीएम और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पास भेजा है। दोनों नेताओं की ये मुलाकात 24 मार्च को होने वाली है। लालू प्रसाद यादव इन दिनो चारा घोटाले से जुड़े मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे हैं। अखिलेश के इस कदम को 2019 में भाजपा के सामने मजबूत विकल्प खड़ा करने की तैयारी माना जा रहा है।

 

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