सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी आवास खाली करना पड़ा था। इसके बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपना बंगला खाली किया और वे लखनऊ से बाहर अंसल सिटी में शिफ्ट हो गए लेकिन इसमें सबसे बड़ा विवाद पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बंगला खाली करने पर हुआ था। अखिलेश के बंगला खाली करने के बाद जब सरकार की टीम वहां पहुंची तो बंगले में लगभग हर जगह तोड़फोड़ की गयी थी। अब सरकार द्वारा बंगले में कराये गये निर्माण और तोड़फोड़ का आंकलन किया गया है जिसके आंकड़े सभी को हैरान कर देंगे।
तोड़ फोड़ से हुआ 10 लाख का नुकसान :
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव को मिले सरकारी बंगले को खाली करने के दौरान हुए नुकसान की रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी ने राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी है। विभाग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है। इस रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी के इंजीनीयरों ने तोड़-फोड़ के कारण सरकार के करीब 10 लाख रुपये के नुकसान का अंदाजा लगाया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, 266 पेज की इस रिपोर्ट में पूर्व सीएम के बंगले में छत से लेकर किचन, बाथरूम और लॉन में तोड़-फोड़ होने की बात कही गई है। इसके साथ ही अखिलेश यादव के इस पूर्व बंगले में मुख्य रूप से टाइल्स, सेनेट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग के काम का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की कुल कीमत 10 लाख रुपये आंकी गई है।इसके अलावा बंगले में बना जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, बैडमिंटन कोर्ट और साइकल ट्रैक तोड़ दिया गया था।
बंगले के निर्माण में खर्च हुए 557.86 लाख रूपये :
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित सरकारी बंगले को आलीशान बनाने के लिए नियमों को दरकिनार कर पानी की तरह पैसा बहाया गया था। लोक निर्माण विभाग की जांच रिपोर्ट में बंगले में हुए विभिन्न निर्माण कार्यों पर 557.86 लाख रुपये खर्च होने का खुलासा हुआ है। हैरान कर देने वाली बात है कि इसमें से 467.86 लाख रुपये के निर्माण अवैध पाए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा खाली किए सरकारी बंगले में भारी तोडफ़ोड़ किए जाने की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी गयी थी। 266 पेज वाली इस रिपोर्ट में बंगले में छत से लेकर किचन, बाथरूम व लॉन में तोडफ़ोड़ की बात स्वीकारी गयी है।