एक तरफ जहाँ यूपी इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां ज़ोरों पर है, बैठकों का दौर शुरू है, तरह तरह की योजनाएं बना के शहर लखनऊ को सुन्दर बनाने के कोशिश की जा रही है वहीँ पर सिंचाई विभाग की नाकामी साफ दिख रही है। शहर के सभी पुलों का नवीनीकरण हो रहा है वहीँ गोमती बैराज पर पुल के नीचे बहती गोमती की तरफ किसी की नज़र नहीं है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की नाकामी साफ ज़ाहिर होती है कि इतने बड़े प्रोग्राम इन्वेस्टर्स समिट को सरकार अंजाम देने जा रही है वहीँ गोमती में जल कुम्भी को सिंचाई विभाग हटा ही नहीं पा रहा है।

 

गोमती रिवर फ्रंट हो रहा उदासीनता का शिकार

पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गोमती रिवर फ्रंट’ वर्तमान योगी सरकार की उदासीनता का शिकार होता जा रहा है। देश का सबसे शानदार माना जाने वाला रिवर फ्रंट पिछले एक साल से धीरे धीरे बदहाली का शिकार होता नजर आ रहा है। बेशक गोमती में गिरने वाले कई नालों को बंद कर दिया गया है बावजूद इसके गोमती नदी में गंदगी बढ़ रही है। फिलहाल गोमती नदी एक नाले में तब्दील हो रही है। गोमती नदी के ज्यादातर हिस्सों में जलकुम्भी का प्रकोप है। हर रोज़ इसकी गंदगी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है।

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मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपनी सरकार के काम में पलीता लगा रहे

गोमती रिवर फ्रंट के सिर्फ 1 किलोमीटर के प्रमुख भाग पर लोगों का आना जाना सिर्फ दीखता है लेकिन करीब 7 किलोमीटर का रिवरफ्रंट पूरी तरीके से बदहाल है। यहां लगाए गए ज्यादातर पौधे सूख चुके हैं, विदेशों से मंगाई गई घास भी कहीं कहीं पर सूख गई है। मोटर बोट शायद ही कभी चलती हो अक्सर खड़ी ही दिखाई देती है। नदी को साफ करने के लिए लगाई गई मशीनें भी लगभग बंद हैं। वहीं नाव के जरिए होने वाली सफाई भी फ़िलहाल बंद है। सीएम पद पाने के बाद ही गोमती रिवर फ्रंट पर योगी ने अफसरों की पंचायत लगाई थी।  उन्होने रिवर फ्रंट का काम जल्द से जल्द पूरा करने, नालों को गोमती में गिरने से रोकने का भी आदेश दिया था साथ ही जलकुम्भी  को हटाने के भी आदेश दिए थे। पूरी तरह से गोमती को सुन्दर बनाने के सारे दावे किये थे मगर सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपनी सरकार के काम में ही पलीता लगाने का काम किया है।

 

सिंचाई विभाग नहीं हटा पा रहा जलकुम्भी

वर्तमान सरकार गोमती सफाई के मामले को हल्के में ले रही है जिसे पूर्व अखिलेश सरकार हर बार मुद्दा बनाने का काम करती है। इन्वेस्टर्स समिट के चलते गोमती नगर के 1090 समतामूलक चौक तक पुल के नवीनीकरण और सड़क का विशेष ध्यान देते हुए लाइट की भी उचित व्यवस्था की है। मगर दूसरी तरफ बने बैराज वाले पुल का रास्ता बद से बत्तर हालात में है। बड़ी मोटर कारों का आवागमन रोक दिया गया है सड़क टूटी है इसलिए अक्सर बाइक सवार अपना संतुलन खो कर गिर भी चुके हैं। साथ ही पुल के पास ढेरों मलबा भी बिखरा पड़ा है जिसे अभी तक हटाया नहीं गया है। उसी पुल के नीचे देखें तो जल कुम्भी की बनी परत गोमती के ऊपर साफ देखी जा सकती है।

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