उत्तर प्रदेश में विधायकों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश सरकार अब मंत्रियों को हीं नहीं बल्कि विधायकों को भी बंगले देने वाली है. विधायकों को बंगले उन्ही विधायकी के अनुभव के आधार पर मिलेगा. यानी जो जितनी अधिक बाद विधायक रहा होगा उसको बंगले बाँटें जाने में तवज्जो दी जाएगी.
आवास आवंटन की बनेगी नियमावली:
बता दें कि कई विधायकों ने आवास आवंटन को लेकर शिकायत की थी. कुछ पुराने विधायकों ने इस बार उनके लिए आवंटित किए आवासों को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे। उनकी शिकायत थी कि पुराने और कई बार विधायक रहने के बावजूद उनको अन्य की तुलना में छोटे आवास मिले हैं जबकि नये और कम अनुभव वाले विधायकों को बंगले मिले हैं.
बीजेपी के कई नए विधायकों को डालीबाग स्थित बहुखंडीय अपार्टमेंट में सात-सात कमरे वाले बड़े आवास दे दिए गए हैं लेकिन पुराने विधायकों को दारुलशफा में बने छोटे आवास आवंटित कर दिए गये. वहीं अब भी भाजपा के तमाम विधायकों को अभी तक आवास दिए ही नहीं गये.
विधायकों ने की थी शिकायत:
विधायकों ने इसकी शिकायत विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से की थी. जिसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए इसके समाधान के निर्देश दिए थे.
भाजपा नेता के निर्देश के बाद राज्य सम्पत्ति अधिकारी और सहायक राज्य सम्पत्ति अधिकारी को मिलाकर तीन सदस्यीय कमिटी बना दी गई। जो विधायकों के विधायकी अनुभव के हिसाब से नियमावली बना रही है। इस नियमावली के आधार पर पांच बार से ज्यादा बार विधायक रह चुके नेताओं को तवज्जो दी जाएगी।
विपक्षी विधायकों को मिले बड़े बंगले:
गौरतलब हैं कि भाजपा विधायक आवास आवंटन को लेकर इस लिए भी नाराज हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा अनुभव होने के बाजजूद विपक्षी दलों के नए विधायकों को बंगले आवंटित कर दिए गए। इनमें कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा को लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर बांग्ला दिया गया है. वहीं सपा विधायक उज्जवल रमण सिंह को बटलर पैलेस में बंगला और सपा विधायक शैलेन्द्र यादव ‘ललई’ को माल एवेन्यू में बंगला आवंटित किया गया हैं।
बहरहाल सरकार इसके लिए नियमावली तैयार कर रही हैं और जल्द ही इसे कैबिनेट में लाकर मंजूरी दी जा सकती है.
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