सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकारी आवासों में रह रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास छोड़ना पड़ेगा। जिसके बाद इसका सीधा प्रभाव मायावती, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव के साथ-साथ एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह को भी सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। इस मामले को लेकर अभी तक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है मगर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव काफी नाराज हो गए थे। अब यूपी के पूर्व सीएम की समस्या का समाधान होता हुआ दिखाई दे रहा है।
अखिलेश सरकार ने किया था कानून में संशोधन :
साल 2016 में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने का निर्देश जारी किया था लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पुराने कानून में संशोधन कर UP मिनिस्टर सैलरी अलॉटमेंट एंड फैसिलिटी अमेंडमेंट एक्ट 2016 विधानसभा से पास करा लिया था और सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले की सुविधा दिलवाई थी। करीब 2 साल बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए बंगला खाली करने को कहा है। बता दें कि इनमें से वर्तमान में यूपी के पूर्व कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल हैं जबकि राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री हैं।
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निकल सकता है समाधान :
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार लगातार पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने के रास्ते तलाश करने में जुटी हुई है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव या फिर संशोधन की तैयारी कर रही है। ट्रस्ट या निजी संस्था को हो सकने वाले आवंटन और वरिष्ठ विधायकों के नाम होने वाले आवंटनो सभी पहलुओं पर राज्य सरकार विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो पूर्व सीएम के बंगले खाली होने से रोका जा सकता है। हालाँकि अभी तक इस मामले में सरकार का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।