उत्तर प्रदेश पुलिस में ATS ASP के पद पर तैनात राजेश साहनी की रहस्यमय परिस्थितियों में अचानक गोली मारकर खुदकुशी करने की बात किसी के गले नहीं उतर रही है। गोली की आवाज कार्यालय में क्यों नहीं सुनाई दी, खुदकुशी के बाद उनका शव वहीं घंटों क्यों पड़ा रहने दिया गया, आखिर कौन सा ऐसा तनाव था जिसके चलते एक काबिल अफसर ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया? ये तमाम सवाल पीपीएस एसोसिएशन और एटीएस के कर्मचारियों सहित कई पुलिसकर्मियों की जुबान पर हैं, इनका जबाब किसी भी जिम्मेदार के पास नहीं है।
पीएपीएस एसोसिएशन ने जुटाए 70 लाख रुपये
एटीएस ऑफिस में सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारकर ख़ुदकुशी करने वाले एएसपी राजेश साहनी के परिवार के लिए पीएपीएस एसोसिएशन के लगभग 1300 कर्मचारियों ने 70 लाख की धनराशि जुटाई है। इनमें सीओ स्तर से 3000 और एएसपी स्तर से 5000 इकट्ठा कर एएसपी राजेश सहानी परिवार को दी जाएगी। पीपीएस एसोसिएशन ने स्वर्गीय अधिकारी के को न्याय दिलाने के लिए 6 सूत्रीय मांगो में परिवार की सुरक्षा, पत्नी को सरकारी नौकरी, एक करोड़ का मुआवजा, असदाहरण पेंशन, ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु के लाभ और आजीवन सरकारी आवास दिये जाने की मांग की।
शोकसभा कर एटीएस कर्मचारियों ने दिया पीड़ित परिवार को एक माह का जोखिम भत्ता दिया
एटीएस के अधिकारी- कर्मचारी गणों द्वारा स्वर्गीय राजेश साहनी की याद में अनौरा स्थित एटीएस कार्यालय में एक शोक सभा का आयोजन किया। जिसमें अधिकारी-कर्मचारी गणों द्वारा एक माह का जोखिम भत्ता स्व. राजेश साहनी के परिवार को मदद के रूप में देने का निर्णय लिया। जिसमे लगभग रु 15 लाख एकत्रित किए गये।
ATS के इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने दिया इस्तीफा, आरोपों से हड़कंप
ATS ASP राजेश साहनी के संदिग्ध सुसाइड के बाद ATS के इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने ATS IG असीम अरूण पर बेहद संगीन आरोप लगाते हुए पुलिस सेवा से ही इस्तीफ़ा दे दिया है। इस्तीफ़े की कॉपी बहुत चौंकाने वाली है। यतीन्द्र को उनके काम के लिए राष्ट्रपति का पुलिस मेडल मिल चुका है। इसलिए इस्तीफ़े में लगाए उनके आरोपो की जाँच होनी चाहिए।
➡यतीन्द्र का पहला आरोप ये है कि ATS के कुछ भ्रष्ट अफसर राजेश साहनी की ईमानदारी से परेशान थे। जाँच हो कि यतीन्द्र का इशारा किसकी तरफ है।
➡इंस्पेक्टर यतीन्द्र का दूसरा आरोप बहुत सनसनीख़ेज़ है। उनका कहना है कि ATS के सीनियर अफसर अपने जूनियर अधिकारियो के साथ ना सिर्फ गाली गलौज करते हैं, बल्कि मारपीट भी करते हैं और प्रारंभिक जाँच के आधार पर पैसा वसूल करने के लिए मजबूर करते हैं।
➡इंस्पेक्टर यतीन्द्र का तीसरा आरोप और बड़ा है। वो अपने इस्तीफ़े में लिखते हैं कि ATS IG असीम अरूण और उनके कुछ क़रीबी अफ़सरों ने राजेश साहनी के साथ पिछले कुछ वक्त में इतना भेदभाव ,अन्याय किया और मानसिक तनाव दिया कि वो परेशान हो कर आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए।
➡यतीन्द्र का चौथा आरोप ये है कि UP ATS में इतनी अराजकता और अव्यवस्था है कि वहाँ काम कर रहे पुलिस कर्मी अक्सर आत्महत्या तक करने की बात करते रहते हैं। यतीन्द्र ने लिखा कि राजेश बहुत क़ाबिल अफ़सर थे और ऐसी अराजकता से तंग आ कर उन्होंने जान दे दी।
ATS inspector के ये सारे आरोप बेहद गंभीर और चौंकाने वाले हैं। आतंकवाद से लड़ने वाले संगठन का अगर वाक़ई ये हाल है तो इस देश और ख़ासतौर पर यूपी का तो भगवान ही मालिक है। उम्मीद है कि आदित्यनाथ सरकार इन आरोपों की गंभीरता से जाँच कराएगी। साथ ही आशा ये भी है कि जब तक राजेश साहनी की सुसाइड की और इन आरोपो की जाँच नहीं हो जाती, तब तक ATS IG असीम अरूण को ATS से दूर रखा जाएगा।
इकलौती बेटी श्रेया ने दी थी मुखाग्नि
राजधानी लखनऊ स्थित एटीएस ऑफिस में सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारकर ख़ुदकुशी करने वाले एएसपी राजेश साहनी का बुधवार सुबह को भैंसाकुंड वैकुंठ धाम पर अंतिम संस्कार किया गया। राजेश साहनी की इकलौती बेटी श्रेया ने उन्हें मुखाग्नि दी। पिता को अग्नि देते समय बेटी श्रेया बिलख पड़ी, जिसको देक वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। पिता को अंतिम विदाई देते समय श्रेया ने उन्हें सैल्यूट किया। अंतिम संस्कार के दौरान राजेश साहनी का परिवार, रिश्तेदार और मित्रों के अलावा पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
दफ्तर में गोली मार कर कर ली थी खुदखुशी
गौरतलब है कि राजेश साहनी के मंगलवार को अपने दफ्तर में गोली मार कर खुदखुशी कर ली थी। इस घटना ने राजेश साहनी के पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। उनके दोस्त, सहयोगी और रिश्तेदार को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हमेशा मुस्कराते रहने वाला यह शख्स कभी ऐसा कदम भी उठा सकता है। कानून व्यवस्था के एडीजी आनंद कुमार ने बताया कि एक होनहार और जांबाज़ पुलिस अफसर ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के कारणों की लखनऊ पुलिस गहनता से जांच कर रही है। शुरुआती जानकारी में बस यह पता चला है कि उन्होंने ड्राइवर से पिस्टल मंगाई और कार्यालय में ही खुद को गोली मार ली।
कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में निभाई सफल भूमिका
राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में आए थे। 2013 में वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए। एटीएस में रहते हुए राजेश साहनी ने कई ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया है। इस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफल भूमिका निभाई है। राजेश साहनी एटीएस के तेज तर्रार अफसरों में से एक माने जाते थे। डीजीपी ओपी सिंह ने भी राजेश की आकस्मिक आत्महत्या पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने राजेश के शव को कंधा भी दिया तो उनकी आँखों से भी आंसू छलक आये।